एमएच17 फ्लाइट को गिराने के मामले में तीन लोगों को सजा
१७ नवम्बर २०२२मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश हेंड्रिक स्टीनहस ने कहा है कि रूसी नागरिक इगोर गिरकिन, सर्गेई दुबिंस्की और यूक्रेन के लियोनिद खारचेंको को हत्या और जान बूझ कर विमान गिराने का "दोषी पाया गया." रूसी नागरिक ओलेग पुलातोव को इस मामले में बरी कर दिया गया है. दोषियों को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.
ढाई साल की सुनवाई
नीदरलैंड की कड़ी सुरक्षा वाली अदालत में सजा सुनाये जाते वक्त कोई भी आरोपी मौजूद नहीं था. दर्जनों पीड़ित परिवारों के लोग दुनिया भर से इस सुनवाई के लिए नीदरलैंड पहुंचे हैं.करीब ढाई साल की सुनवाई के बाद अदालत ने यह सजा सुनाई है.
2014 में बोइंग 777 जहाज में एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जा रहे सभी 298 यात्रियों की मौत हो गई थी. जजों का कहना है कि यह पूर्वी यूक्रेन के रूसी नियंत्रण वाले हिस्से में विद्रोहियों ने मिसाइल दाग कर गिराई थी.
एमएच17 फाउंडेशन के चेयरमैन पीट प्लोएग के भाई, भाभी और भतीजे की इस घटना में मौत हुई थी. कोर्ट के बाहर समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में उन्होंने उम्मीद जताई कि यह फैसला पीड़ित परिवारों को आगे बढ़ने में मददगार होगा. प्लोएग ने कहा, "मैं मामला खत्म हो जाने में भरोसा नहीं करता, पीड़ितों से पूछिए जिन्होंने अपने बच्चे खोये उनके लिए मामला कभी खत्म नहीं होगा. लेकिन मुझे यकीन है कि यह दिन परिवारों को अब इससे आगे बढ़ने में थोड़ी मदद करेगा."
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जान बूझ कर दागी मिसाइल
जजों ने गिरकिन, दुबिंस्की और खारचेंको को रूसी सैन्य अड्डे से बीयूके मिसाइल ढोकर लाने, लॉन्च साइट पर इसे तैनात करने का दोषी माना है भले ही उन्होंने मिसाइल लॉन्च का बटन नहीं दबाया. इस मामले में सिर्फ पुलातोव की तरफ से ही कानूनी प्रतिनिधि अदालत में मौजूद था लेकिन अदालत के सामने उनके इस घटना में शामिल होने के कोई सबूत नहीं आये इसलिए उन्हें बरी कर दिया गया.
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि "पर्याप्त सबूत" यह दिखाते हैं कि जहाज मिसाइल के जरिये मार गिराया गया और इसे पूर्वी यूक्रेन से दागा गया था जो रूस समर्थित दोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक, डीपीआर के नियंत्रण में था और रूसी सेना की ओर से लड़ रहा था. सबूतों में, धुएं की रेखा की तस्वीर, चश्मदीदों के बयान, उपग्रह से मिले चित्र, टेलिफोन पर हुई बातचीतों की रिकॉर्डिंग, वीडियो और शार्पनेल शामिल हैं. अदालत ने "वैकल्पिक परिदृश्य" को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि यूक्रेन के लड़ाकू विमानों ने यह काम किया होगा.
रूस का इनकार
रूस ने इस मामले में शामिल होने से इनकार किया है. उसने इन संदिग्धों में से किसी को प्रत्यर्पित करने से भी मना कर दिया है. रूस का कहना है कि रूसी कानून के तहत यह गैरकानूनी है. रूस इस बात से इनकार करता है कि उस वक्त डीपीआर उसके नियंत्रण में था. ऐसे में दोषी खुद को औपचारिक योद्धाओं को अभियोजन से मिलने वाली छूट का दावा भी नहीं कर सकते.
यह मुकदमा एमएच17 के पीड़ितों के लिए न्याय पाने की लंबी कोशिशों का नतीजा है. पीड़ितों में 196 डच, 43 मलेशियाई और 38 ऑस्ट्रेलियाई समेत 10 देशों के लोग थे. जिस इलाके में एमएच17 गिरा था वह आठ साल बाद आज रूस और यूक्रेन की 9 महीने से चली आ रही जंग की मुख्य जमीन है. यह मुकदमा एक तरह से युद्ध अपराधियों को न्याय की दहलीज तक पहुंचाने की दिशा में एक प्रमुख मिसाल के रूप में भी उभरा है. खासतौर से ऐसे वक्त में जब यूक्रेन में युद्ध अपराधों की काफी चर्चा हो रही है.
एनआर/एमजे (एएफपी)