ईयू में ग्रीन पास योजना लागू, भारत हुआ सख्त
१ जुलाई २०२१कोविशील्ड वैक्सीन को यूरोपीय संघ के ग्रीन पास में शामिल करने को लेकर भारत के साथ विवाद बढ़ता नजर आ रहा है. भारत में कुछ मीडिया संस्थानों ने सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि भारत ने यूरोपीय संघ को कड़ी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है.
एनडीटीवी ने अपने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि भारत ने यूरोपीय संघ से कहा है कि भारत में बनी वैक्सीन को ग्रीन पास में शामिल नहीं किया गया तो यूरोपीय यात्रियों को भारत में कड़े क्वारन्टीन से गुजरना होगा.
दूसरे देशों से गर्मी की छुट्टी, शिक्षा, नौकरी और अन्य बिजनेस यात्रा करने वालों के लिए 1 जुलाई यानी गुरुवार से ईयू में ग्रीन पास योजना लागू हो गई. लेकिन अधिक संक्रामक डेल्टा संस्करण पहले से ही इसके इस्तेमाल को कम करने की चेतावनी दे रहा है.
क्या है ग्रीन पास
यूरोपीय संघ दस्तावेज अनिवार्य रूप से स्मार्टफोन या हार्ड कॉपी पर डिजीटल रूप में उपलब्ध कराया गया एक क्यूआर कोड होता है जो दिखाता है कि यात्री को यूरोपीय संघ से मंजूरी प्राप्त वैक्सीन मिली है या नहीं.
यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी (ईएमए) की ओर से जो टीके अधिकृत किए गए वे हैं- बायोएनटेक/ फाइजर, एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन. ईयू के दस्तावेज से यह भी पता चल पाएगा कि क्या यात्री संक्रमण से ठीक हुआ है या फिर हाल में ही उसकी कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
जानिए, कौन कितने टीके दान करेगा
यूरोपीय संघ के कानून के तहत, प्रमाण पत्र यूरोपीय संघ के 27 देशों या चार संबद्ध यूरोपीय देशों (आइसलैंड, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और लिस्टेंस्टाइन) के बीच यात्रा करते समय क्वॉरन्टीन या आगे के परीक्षण की आवश्यकता को दूर करने के लिए है.
यूरोपीय संघ के न्याय आयुक्त डिडियर रेयंडर्स ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि गुरुवार से यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देश इस योजना से जुड़ जाएंगे. मई में स्वास्थ्य सेवा पर हुए साइबर हमले की चपेट में आने से सिर्फ आयरलैंड ही इस योजना में शामिल होने से पिछड़ गया है.
भारत की मांग
ईयू ने सिर्फ चार टीकों को डिजीटल प्रमाणपत्र में शामिल किया है. भारतीय वैक्सीनों को इसमें जगह नहीं मिल पाई है. कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को यूरोपीय संघ के डिजीटल कोविड सर्टिफिकेट की लिस्ट में शामिल करने को लेकर भारत लगातार यूरोपीय संघ से मांग कर रहा था.
ईयू उन लोगों को डिजीटल पास नहीं दे रहा है जिन लोगों ने कोविशील्ड या फिर कोवैक्सीन लगाया गया है. हालांकि कोविशील्ड को डब्ल्यूएचओ द्वारा अधिकृत किया गया है जबकि कोवैक्सीन ने भारत और कुछ अन्य देशों में विनियामक अनुमोदन प्राप्त किया है.
तस्वीरों मेंः दुनिया की अलग-अलग वैक्सीनों पर एक नजर
भारतीय मीडिया में कहा जा रहा है कि भारत ने ईयू के सदस्य देशों से कहा है कि वह उसकी दोनों वैक्सीन को योजना में शामिल करें या फिर ईयू के नागरिकों के भारत आने पर क्वारंटीन अनिवार्य कर दिया जाएगा.
ईयू में आवाजाही के लिए ग्रीन पास
बुधवार तक यूरोपीय संघ के 21 देश पहले से ही प्रमाण पत्र स्वीकार कर रहे थे, जिनमें प्रमुख पर्यटन स्थल फ्रांस, स्पेन, इटली, ग्रीस और क्रोएशिया शामिल हैं. रेयंडर्स ने कहा, "हम सभी सदस्य देशों को इस तरह के टूल का उपयोग न केवल स्वतंत्र यात्रा कानून के लिए करने की सलाह देते हैं, बल्कि सभी संभावित राष्ट्रीय उपयोगों के लिए. जैसे कि संगीत समारोहों, त्योहारों, थिएटरों, रेस्तरां में जाने के लिए भी."
लेकिन ब्रिटेन में डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. जर्मनी ने पहले ही पुर्तगाल से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है, जहां डेल्टा संक्रमण तेजी से फैल गया है. जर्मनी सिर्फ अपने नागरिकों को लौटने की इजाजत दे रहा है, जिसके लिए दो सप्ताह के क्वारंटीन की शर्त भी है.
देखिए, भारत में कोरोना की कितनी किस्में
बर्लिन के फैसले ने ब्रसेल्स के गुस्से को बढ़ा दिया है. रेयंडर्स ने कहा कि यूरोपीय संघ के भीतर "हमें यात्रा प्रतिबंधों से बचना चाहिए." उन्होंने जोर देकर कहा कि जर्मनी को पहले अपने सहयोगियों के साथ राय मशविरा करना चाहिए था.
यूरोपीय संघ के प्रमाण पत्र से परे ब्रसेल्स सभी सदस्य देशों से आग्रह कर रहा है कि वे केवल ब्लॉक के बाहर से पूरी तरह से टीकाकरण वाले यात्रियों को यात्रा करने की इजाजत दें या फिर उन्हें जिन्हें बहुत जरूरी यात्रा की जरूरत है.
एए/वीके (एएफपी, रॉयटर्स)