कहां होता है हफ्ते में चार दिन काम
आइसलैंड में चार दिन के हफ्ते का प्रयोग ऐसा सफल हुआ कि दुनिया भर में अब हफ्ते में चार दिन काम की चर्चा हो रही है. लेकिन आइसलैंड से पहले भी कई देश ऐसा प्रयोग कर चुके हैं. देखिए, कहां क्या हुआ...
आइसलैंड की सफलता
इसी महीने आई एक रिपोर्ट में आइसलैंड के शोधकर्ताओं ने कहा है कि हफ्ते में चार दिन काम कराने का प्रयोग काफी सफल रहा है. 2015 से 2019 के बीच परीक्षण के तौर पर सरकारी कर्मचारियों को समान वेतन पर हफ्ते में चार दिन काम करने का विकल्प दिया गया था.
कमतर नहीं हुआ प्रदर्शन
आइसलैंड का अनुभव कहता है कि कर्मचारियों का प्रदर्शन किसी सूरत पहले से घटा नहीं. राजधानी रेक्याविक की काउंसिल ने यह प्रयोग शुरू किया जिसमें बाद में देश के 86 प्रतिशत कर्मचारियों को शामिल कर लिया गया. 5 दिन में 40 घंटे के बजाय कर्मचारियो को 4 दिन में 35 से 36 घंटे काम करने का विकल्प दिया गया.
स्पेन
मार्च में स्पेन की सरकार ने काम के दिन हफ्ते में चार करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था. सत्ताधारी गठबंधन की वामपंथी पार्टी मास पाइस ने कहा कि सरकार ने उनका काम के दिन को चार करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. पार्टी ने कहा कि इस विचार का वक्त अब आ चुका है.
जापान
इसी साल जून में जापान की सरकार ने अपने सालाना आर्थिक दिशा निर्देश जारी करते हुए हफ्ते मे चार दिन काम करने की जरूरत पर जोर दिया था. सरकार की कोशिश है कि लोग काम और जिंदगी के बीच संतुलन को बेहतर बनाएं. इसी सिलसिले में सरकार ने कंपनियों से कहा है कि वे अपने कर्मचारियों को हफ्ते में पांच दिन के बजाय चार ही दिन काम करने का विकल्प दें.
फिनलैंड
पिछले साल फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मैरिन ने भी ऐसा ही सुझाव दिया था. मौजूदा दौर में दुनिया की सबसे युवा प्रधानमंत्री मैरिन ने कहा था कि देश में काम के घंटे कम किए जाने की जरूरत है, तो या हफ्ते में चार दिन कर दिए जाएं या फिर दिन में छह घंटे ही काम हो.
न्यूजीलैंड
बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनिलीवर की न्यूजीलैंड शाखा भी हफ्ते में चार दिन काम के विकल्प का प्रयोग कर रही है. पिछले साल दिसंबर से कंपनी ने अपने कर्मचारियों को अपने काम के घंटों में 20 प्रतिशत की कमी का विकल्प दिया, जिसकी एवज में सैलरी में कोई कटौती नहीं होगी. यह ट्रायल इस साल दिसंबर तक चलेगा.
गांबिया
गांबिया ने 2012 में ही यह क्रांतिकारी फैसला ले लिया था. तत्कालीन राष्ट्रपति याहया जामेह ने देश में चार दिन का हफ्ता लागू कर दिया था. शुक्रवार का दिन पूजा-पाठ और खेती करने के लिए दे दिया गया था. लेकिन उनके बाद राष्ट्रपति बने अदामा बैरो ने 2017 में यह योजना बंद कर दी और शुक्रवार को भी आधे दिन काम को जरूरी बना दिया.