रूस में पुतिन सरकार के खिलाफ फिर से प्रदर्शन
३० सितम्बर २०१९रूस की राजधानी मॉस्को में रविवार 29 सितंबर को करीब 20,000 लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. ये सब क्रेमलिन प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किए गए राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नेताओं को जेल से छोड़ने की मांग कर रहे थे. क्रेमलिन में गर्मियों में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे जिनके बाद बड़ी संख्या में राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था. मॉस्को के डाउनटाउन इलाके में निकाली गई रैली और प्रदर्शनों में 'फ्री दैम ऑल' यानी उन सबको छोड़ो का नारा दिया गया.
8 सितंबर को मॉस्को में हुए स्थानीय चुनावों में सरकार ने कई निर्दलीय और विपक्षी नेताओं को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी. इस रैली में एक समय पर करीब 60,000 लोग इकट्ठा हो गए थे. यह पुतिन के राष्ट्रपति बनने के सात साल में उनके खिलाफ आयोजित हुआ सबसे बड़ा प्रदर्शन था. इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए बल प्रयोग भी किया. करीब 2,400 लोगों को हिरासत में लिया गया. इनमें से अधिकांश को जल्दी ही छोड़ दिया गया लेकिन कुछ प्रदर्शनकारियों को दंगा फैलाने के आरोप में अभी तक जेल में रखा गया है.
इस पर भड़के लोगों के आक्रोश के चलते सरकार ने कुछ लोगों के खिलाफ से दंगा भड़काने का मुकदमा हटा दिया लेकिन अभी भी कई लोगों पर वही मुकदमा चल रहा है. कुछ लोगों को चार साल तक की सजा भी सुना दी गई है. बाकी लोगों को कैद या नजरबंद कर रखा गया है. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे रूसी नेता अलेक्सी नवालनी ने कहा कि अगर हम सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करें तो सरकार को उन्हें छोड़ना ही होगा. नेवालनी की सहयोगी नेता ल्यूबोव सोबोल ने कहा कि हम सरकार पर दबाव बना कर रखेंगे. उन्होंने कहा कि हम सरकार को दिखाएंगे कि हम कितने मजबूत हैं और हम अपने अधिकारों की रक्षा करते रहेंगे.
आरएस/आरपी (एपी)
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