सीरिया से जिहादियों के जर्मन रिश्तेदारों को वापस लाया जर्मनी
६ अक्टूबर २०२२उत्तर पूर्वी सीरिया के रोज हिरासत केंद्र से 12 लोग बुधवार शाम जर्मनी पहुंचे. इनमें 4 महिलाएं, सात बच्चे और एक युवा है जिसे 11 साल की उम्र में सीरिया ले जाया गया था. जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने यह जानकारी दी. पहले आई मीडिया खबरों में बताया गया कि जो लोग वापस लाये गए हैं वो कई सालों से कुर्दों के हिरासत केंद्र में कैद कर रखे गये थे.
जर्मन सरकार इससे पहले भी कई बार इस्लामिक स्टेट के समर्थकों को वापस ले कर आई है. इनमें से कुछ पर यहां जर्मनी में मुकदमा भी चलाया गया और फिर उन्हें कई सालों तक जेल में रखा गया. बेयरबॉक के मुताबिक सीरिया में जर्मन लोगों से जुड़े सारे मामले अब खत्म हो गये हैं. 6 बार में ऐसे अभियान के जरिये कुल मिला कर26 औरतों, 76 बच्चे और एक किशोर को सीरिया से जर्मनी लाया गया है.
बच्चों का क्या दोष
बेयरबॉक ने इस बात पर संतोष जताया कि बच्चे वापस आ गये हैं और कहा कि वो चरमपंथी गुट के पीड़ित रहे हैं और "उनके मां बाप के घातक फैसलों" के लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए.
बेयरबॉक का कहना है, "मैं राहत महसूस कर रही हूं कि इस कार्रवाई के बाद अब इस तरह के सारे मामले खत्म हो गए हैं. मुझे इस बात से खासतौर पर राहत मिली है क्योंकि बच्चों को उनके मां बाप के फैसलों के लिये दोषी नहीं ठहराया जा सकता है."
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जर्मन विदेश मंत्रालय के मुताबिक बच्चों को सिर्फ उनकी मांओं की मर्जी से और उनके साथ ही जर्मनी में वापस लाया जा सकता है. अब तक सिर्फ एक ही ऐसा मामला आया है जिसमें वापसी के लिए सहमति तो दी गई लेकिन वापसी हुई नहीं. विदेश विभाग के मुताबिक बहुत से मामले ऐसे भी हुए हैं जिसमें मांएं खुद ही वापस नहीं आना चाहती हैं.
हिरासत में रहेंगे परिवार
जर्मन विदेश मंत्रालय का कहना है कि महिलाओं और किशोर को जर्मनी आने पर हिरासत में ले लिया गया है और उन्हें "अपने कामों के बारे में जवाब" देना होगा.
सीरिया और इराक में लड़ने या मारे गये जिहादियों के परिवार वालों और रिश्तेदारों को वापस लाना यूरोपीय देशों के लिए एक कठिन फैसला रहा है. 2019 में इस्लामिक स्टेट की कथित खिलाफत का अंत होने के बाद से ही इसे लेकर असमंजस और असहजता रही है. ऐसे कई लोगों पर यहां चले मुकदमे के बाद उन्हें सजा दी गई है.
जर्मनी में सरकार ने पहले हर मामले को अलग अलग निपटाया और फिर इस साल की शुरूआत में बड़े पैमाने पर लोगों को वापस लाया गया.
फ्रांस में तो इस पर काफी बहस भी हुई है. फ्रांस के न्याय मंत्री एरिक डुपों मोरेटी ने बुधवार को बताया कि उत्तर पूर्वी सीरिया के रोजावा कैंप से 7 अभियानों में 77 नाबालिग लाये गये हैं. इसके अलावा 6 नाबालिग इराक से भी लाये गये हैं. सीरियाई शिविरों में फ्रांस की 100 औरतें और 250 बच्चे अब भी मौजूद हैं.
एनआर/आरपी (डीपीए, एएफपी)