कैसे बना जर्मनी में पहला हिंदू मंदिर
विश्ववनाथन कृष्णमूर्ति ने अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर बर्लिन में एक मंदिर का निर्माण शुरू किया. तमाम परेशानियों के बावजूद 20 साल बाद अब मंदिर तैयार है. कृष्णमूर्ति को अब "ईश्वर का इंतजार है."
इसी साल उद्घाटन
जर्मनी की राजधानी बर्लिन के हाजेनहाइडे पार्क में श्रीगणेश हिंदू मंदिर करीबन तैयार है. मंदिर बनाने वाली एसोसिएशन को उम्मीद है कि नवंबर 2023 में मंदिर का उद्घाटन हो जाएगा. एक बड़ी मुस्कुराहट के साथ कृष्णामूर्ति कहते हैं कि उद्घाटन समारोह छह दिन तक चलेगा.
कृष्णमूर्ति की यात्रा
कृष्णमूर्ति करीब 50 साल पहले अपनी पत्नी के साथ तत्कालीन पश्चिमी बर्लिन आए. उन्हें एक इलेक्ट्रिक कंपनी में तीन डॉयचेमार्क प्रतिघंटा पर नौकरी मिल गई. कई साल बाद उन्हें मंदिर बनाने का विचार आया.
मंदिर के पीछे सोच
कृष्णमूर्ति कहते हैं, "एक हिंदू होने के नाते मैं घर पर हर त्योहार मना सकता हूं, लेकिन मैं उन्हें बाकी लोगों के साथ नहीं मना सकता हूं. दूसरों के साथ त्योहार का आनंद उठाने के लिए जगह की जरूरत होती है."
19 साल का काम
कृष्णमूर्ति और उनके साथियों की एसोसिएशन ने 2004 में श्रीगणेश मंदिर बनाने की पहल शुरू की. इसके लिए जमीन बर्लिन के तीन जिलों क्राएत्सबेर्ग, नॉएकोल्न और टेंपलहोफ ने दी.
पार हुई कई बाधाएं
मंदिर का निर्माण 2007 में शुरू होना था. लेकिन फिर तारीख 2010 कर दी गई. पैसे की कमी के कारण कई बाधाएं आईं. चंदे से पैसा जुटाने, जर्मन नियम कायदे, अनुमति के चरण और वित्तीय योजनाओं की वजह से भी निर्माण कार्य धीमा रहा.