साइक्लिंग के लिए परफेक्ट कैसे बना नीदरलैंड्स?
३१ दिसम्बर २०२३नीदरलैंड्स में करीब एक करोड़ 70 लाख निवासियों के लिए करीब 2 करोड़ 20 लाख साइकिलें मौजूद हैं. साथ ही लगभग 32,000 किलोमीटर लंबी साइकिल लेन और अत्याधुनिक साइक्लिंग सुविधाओं के साथ नीदरलैंड्स ने अग्रणी साइक्लिंग देश के रूप में पहचान बनाई है.
मुंबई की रहने वाली 23 साल की अवि गोपानी को नीदरलैंड्स आए हुए पांच महीने हो गए हैं. वह नीदरलैंड्स यूनिवर्सिटी में पढ़ती हैं. यहां शहर की सुंदरता के अलावा उन्हें साइक्लिंग कल्चर खूब भाया है. अवि बताती हैं कि उन्हें साइकिल चलाना बहुत पसंद है क्योंकि इससे शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है और किसी भी जगह पर अपने साधन से पहुंचा जा सकता है.अवि कहती हैं कि "यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट काफी महंगा है. हर दिन मुझे यूनिवर्सिटी से घर आने में 5 यूरो लग जाएंगे, जो कि बहुत महंगा है. ऐसे में यह पैसों की बचत भी करता है."
अवि गोपानी कहती हैं, "यहां साइकिल लेन होने की वजह से इसे चलाना बहुत आसान हो जाता है. यहां लोग इसे किसी विकल्प की तरह नहीं समझते हैं. बल्कि दैनिक जीवन में साइकिल का इस्तेमाल मुख्य साधन के तौर पर भी होता है. मुझे साइकिल चलाने पर जल्दी थकान महसूस नहीं होती है. इसके पीछे इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर साइकिल की बनावट हो सकती है. यहां दोस्तों के साथ सुंदर नजारे में साइकिल चलाने में काफी मजा भी आता है." अपनी मातृभूमि भारत से तुलना करते हुए अवि कहती हैं, "भारत में साइक्लिंग करना इतना आसान नहीं है. यहां मैं हफ्ते में 4-5 दिन साइकिल चलाती हूं. मैं करीब 10 किलोमीटर तक के सफर के लिए साइकिल का ही इस्तेमाल करती हूं. यह हमारे और पर्यावरण के लिए भी अच्छी आदत है.”
नीदरलैंड्स में साइकिल बनाने, बेचने, मेंटेनेंस और किराये पर देने से जुड़े काम से करीब 13 हजार लोगों को पूर्ण रोजगार मिला है. इस देश ने अगले ढाई साल में करीब एक लाख नए लोगों के साइकिल इस्तेमाल करने का मकसद रखा है. इसके लिए बुनियादी ढांचे और जल प्रबंधन के लिए डच राज्य सचिव ने हाल ही में संसद को पत्र लिखा.
दक्षिणी डेनमार्क विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में बताया गया है कि यदि दुनिया भर में लोग डच लोगों जितना साइकिल चलाएं (प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसतन 2.6 किलोमीटर) तो वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में सालाना 686 मिलियन टन की कमी हो सकती है.
कैसा शुरू हुआ ये सफर?
1970 के दशक में डच शहर कारों की भीड़ और सड़क हादसे में होने वाली मौतों से परेशान थे. 1970 तक प्रति 500 निवासियों पर 100 कारों होती थीं. 1971 में सड़क हादसों में 3,000 से ज्यादा मौतें हुईं, जिनमें लगभग 500 बच्चे भी शामिल थे. इसके अलावा, 1973 के तेल संकट ने भी लोगों में गुस्सा भर दिया. जिसके बाद सरकार शहरी नियोजन में बदलाव लाने के लिए विचार करने लगी.
डच सरकार की निर्णायक कार्रवाइयों में 35,000 किलोमीटर के व्यापक साइकिल लेन नेटवर्क का निर्माण शामिल था. इसने सड़क नेटवर्क के 140,000 किलोमीटर को भी पार कर लिया. विशेष रूप से, कुछ सड़कें साइकिल को प्राथमिकता देती हैं. इन पर "फियेट्सस्ट्राट ऑटो ते गास्ट" लिखा है. जिसका मतलब है, ‘कारें मेहमान हैं'.
अलग-अलग साइकिल ट्रैक की सुविधा के लिए राउंडअबाउट्स को फिर से डिजाइन किया गया और शहरी क्षेत्रों में कारों की तुलना में साइकिलों को अहमियत दी गई.
सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए साइकिल लेन को गति सीमा के आधार पर डिजाइन किया गया. साइकिल पार्किंग में भी निवेश किया गया. नीदरलैंड्स के शहर ऊट्रेख्ट में 12,500 साइकिलों के लिए जगह के साथ दुनिया की सबसे बड़ी बहुमंजिला साइकिल पार्किंग है. ट्रेन स्टेशनों पर अब साइकिल पार्क करने की सुविधा है और कुछ ट्रेनों में साइकिल रखने की सुविधा भी होती है.
डच लोगों का बचपन का साथी
डच नागरिक एस्मी हुल्सकांप ने साइकिल कल्चर के बारे में बताते हुए कहा कि डच नागरिक ‘चलना' सीखने के साथ ही साइकिल सीखना शुरू कर देते हैं. वह कहती हैं, "मैं खुद 5-6 साल की उम्र से साइकिल चला रही हूं. अकसर यहां परिवार पास के प्राइमरी स्कूल को चुनते हैं. जहां हम अपने भाई-बहनों या पेरेंट्स के साथ साइकिल चलाकर ही आते-जाते हैं. मेरे लिए यह केवल 5 मिनट की साइकिल यात्रा हुआ करती थी."
वह बताती हैं, "इसके बाद जब मैं मिडिल स्कूल में गई, तो यह दूरी 8 किलोमीटर थी. मगर यहां हर कोई अपनी बाइक चलाता है, तो मैं हर दिन रास्ते में अपने दोस्तों से मिलती थी और हम साथ में साइकिल चलाते थे. खास बात है, अगर कोई बच्चा स्कूल के पास में रहता है और उसके पेरेंट्स उसे कार से छोड़ने आते हैं, तो इसे खराब या बिगड़ैल माना जाता है."
24 साल के टिम स्नोरेन नीदरलैंड्स के एक छोटे से शहर ज्विजेंड्रेख्ट के रहने वाले हैं. वह अपनी यूनिवर्सिटी की पढ़ाई के लिए एम्स्टर्डम रहने आये. डीडब्ल्यू हिंदी से बातचीत में उन्होंने कहा, "जब मैं लगभग 4 साल का था तब मैंने साइकिल चलानी शुरू किया. मुझे मेरे माता-पिता साइकिल चलाना सिखाते थे. साइकिल को स्थिर रखने के लिए उसके साइड में छोटे पहिये होते थे. कुछ देर प्रैक्टिस के बाद, साइड के पहिये हटा दिए गए और मैं इस तरह बहुत जल्दी ही साइकिल चलाने लगा."
ट्रांसपोर्ट ही नहीं, फन एक्टिविटी भी
उन्होंने कहा, "मैं एक छोटे शहर में पला-बढ़ा हूं, इसलिए जब मैंने हाई स्कूल शुरू किया तो मुझे स्कूल जाने के लिए साइकिल से दूसरे शहर जाना पड़ता था, जिसमें हर सुबह लगभग 40 मिनट लगते थे और घर लौटने में 40 मिनट और लग जाते थे." उन्होंने बताया कि आम तौर पर साइक्लिंग उन जगहों के लिए परिवहन का पहला विकल्प माना जाता है जहां सफर करने में एक घंटे या उससे कम समय लगेगा.
टिम बताते हैं, "मुझे ड्राइवर का लाइसेंस भी नहीं लेना पड़ा क्योंकि इसे बनवाना अनावश्यक लगता था. अब मैं एम्सटर्डम में रहता हूं और अधिकांश जगहें जहां मुझे जाना होता है वे पास ही हैं, इसलिए मैं हर जगह साइकिल से जाता हूं. क्योंकि एम्सटर्डम छोटा है, मैं कहूंगा कि मैं हर दिन एक घंटे से भी कम समय तक साइकिल चलाता हूं, लेकिन अगर मैं उस शहर में रहता जहां मैं बड़ा हुआ होता तो यह अलग होता.”
एस्मी बताती हैं कि "अब जब मैं एम्स्टर्डम में पढ़ती और रहती हूं, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यापक रूप से उपलब्ध है, मैं कम साइकिल चलाती हूं. मगर फिर भी मैं फिर भी सबसे पास के मेट्रो जाने के लिए साइकिल का ही इस्तेमाल करती हूं. इसकी दूरी लगभग 5 मिनट है. मगर अभी भी जब मैं रात में दोस्तों के साथ बाहर जाती हूं, तो साइकिल साथ ले जाती हूं, क्योंकि रात में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सीमित होते हैं."
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि सिर्फ बेहतरीन बुनियादी ढांचे के कारण नीदरलैंड्स साइकिल चलाने के लिए ही एक बेहतरीन देश नहीं है, बल्कि इसलिए भी क्योंकि ज्यादातर लोग यहां पहले साइकिल चला चुके हैं. इसलिए जब वे कार में होते हैं, तो साइकिल चालकों की सुरक्षा के प्रति जागरूक होते हैं.”
साइकिल चलाना सिर्फ ट्रांसपोर्ट की तरह नहीं बल्कि फन एक्टिविटी के तौर भी देखा जाता है. जब आप बहुत छोटे होते हैं और आपकी दुनिया आपके आस-पास तक ही सीमित होती है, तो साइक्लिंग को परिवहन के साधन के बजाय एक मजेदार एक्टिविटी के रूप में देखा जाता है. हालांकि, जैसे ही आप अकेले स्कूल जाना शुरू करते हैं (माता-पिता द्वारा ले जाने के बजाय) ज्यादातर लोग साइकिल चलाने लगते हैं.