संकट के दौर में इन उपायों से ऊर्जा बचा रहा है जर्मनी
जर्मनी और यूरोप ऊर्जा संकट का सामना कर रहे हैं. यूरोपीय संघ ने 15 फीसदी ऊर्जा बचाने की मुहिम शुरू की है. जर्मन सरकार ने देशवासियों के लिये कुछ नियम तय किये हैं, हालांकि बहुत से लोग अपनी तरफ से भी कई कोशिश कर रहे हैं.
बैंक में बिजली की बचत
बैंकों ने भी ऊर्जा संकट को देखते हुए कदम उठाये हैं. ऑफिस में जगहों को नई तरह से व्यवस्थित किया जा रहा है और कम स्टाफ वाले दफ्तर एक जगह लाये जा रहे हैं. डॉयचे बैंक ने कहा है कि वह जर्मनी में अपनी 1400 इमारतों में ऊर्जा बचाने के उपाय लागू कर रहा है और इसके जरिये 49 लाख किलोवॉट बिजली बचाई जायेगी.
ऊर्जा बचाने के नियम का दूसरा चरण अक्टूबर में
ऊर्जा बचाने के नियमों का पहला चरण 1 सितंबर से लागू हो गया जो फरवरी तक चलेगा. दूसरा चरण अक्टूबर में आयेगा जो अगले दो सालों के लिये होगा. इसमें गैस हीटिंग का इस्तेमाल करने वाली सभी इमारतों की ऊर्जा दक्षता की जांच भी होगी.
ऐतिहासिक इमारतों में अंधेरा
जर्मनी में ऐतिहासिक इमारतों के बाहर जलने वाली रोशनी रात को गुल कर दी जा रही है. पहले ये बड़ी बड़ी इमारतें सारी रात रोशनी से जगमग रहती थीं. कोलोन का विशाल कथीड्रल भी उन इमारतों में शामिल है जो अब रात में नहीं जगमगाते. उत्सव या सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिये यह पाबंदी नहीं है.
सार्वजनिक इमारतों में बिजली की बचत
सार्वजनिक इमारतों के गलियारों और हॉल में अब हीटिंग नहीं होगी और दफ्तरों का तापमान भी 19 डिग्री से ज्यादा नहीं होगा. यहां सिर्फ हाथ धोने के इस्तेमाल होने वाले गर्म पानी के गीजर और टैंक स्विच ऑफ कर दिये गये हैं. अस्पताल, स्कूल और डे केयर सेंटर को इन नियमों से बाहर रखा गया है.
दुकानों के लिये निर्देश
जर्मन सरकार ने दुकानों और शोरूम के लिये भी उर्जा बचाने के दिशा निर्देश जारी किये हैं. एयरकंडीशन या हीटिंग चलाते समय दुकानों के दरवाजे खुले नहीं रहेंगे ताकि बिजली बचाई जा सके. हीटिंग को 19 डिग्री से ज्यादा नहीं रखने के भी निर्देश दिये गये हैं.
बिलबोर्ड और नियॉन साइन
बिजली से रोशन विज्ञापन और बिलबोर्ड को अब रात में 10 बजे के बाद बंद कर दिया जा रहा है. ट्रैफिक सुरक्षा से जुड़े विज्ञापन और साइनबोर्ड इसमें शामिल नहीं हैं. दुकानों के शोकेस पर अभी यह नियम लागू नहीं किया गया है.
स्विमिंग पूल में गर्म पानी नहीं
स्विमिंग पूल और स्पोर्ट्स हॉल में अब हीटिंग बंद कर दी गई है. यहां तक कि स्विमंग पूल के शॉवर में भी गर्म पानी नहीं मिल रहा. प्राइवेट पूल को अब गैस या बिजली से गर्म नहीं किया जा सकता है. रिहैबिलिटेशन सेंटर या फिर रिक्रियेशनल फैसिलिटी और होटल को इस नियम के दायरे से बाहर रखा गया है.
रेल सेवा में बिजली बचाने की मुहिम
जर्मन रेल कंपनी डॉयचे बान पूरे देश में सबसे ज्यादा बिजली का इस्तेमाल करती है. कुछ हफ्ते पहले डॉयचे बान ने ऊर्जा बचाने के उपाय लागू किये हैं और इसके लिये कर्मचारियों को बोनस भी देगी. कंपनी ने रोशनी, हीटिंग, एयरकंडीशन यहां तक कि लिफ्ट का कम इस्तेमाल कर बिजली बचाने वालों को बोनस देने का फैसला किया है.
निजी स्तर पर कोशिशें
सरकार के सुझाये उपायों के अलावा भी बहुत से लोग निजी स्तर पर बिजली और ऊर्जा बचाने की कोशिशों में जुटे हैं. सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने के साथ ये लोग बिजली कम इस्तेमाल करने, खाना कम बनाने यहां तक कि शॉवर में कम समय बिताने जैसे उपाय आजमा रहे हैं.
लकड़ी जला कर आग
बहुत से लोगों ने सर्दियों के लिये लकड़ी जमा करनी शुरू कर दी है. गैस की महंगाई और उसकी कमी को देखते हुए इसका इस्तेमाल करना पड़ सकता है. बहुत से घरों में अब भी ऐसी फायरप्लेस और चिमनियां लगी हुई हैं जिनमें लकड़ी जला कर घर को गर्म किया जा सकता है. हालत ये हो गई है कि लकड़ी बेचने वाली दुकानें कोटा तय कर रही हैं.