10 करोड़ सालों तक 36 किस्म के सॉरोपोड रहे सबसे बड़े डायनासोर
१० मई २०२३सॉरोपोड पेड़-पौधे खाने वाले, लंबी गर्दन, लंबी पूंछ और खम्भों जैसी चार टांगों वाले डायनासोर थे. धरती के इतिहास में जमीन पर सबसे बड़े जानवरों के रूप में जाने जाने वाले सॉरोपोड 100-120 फुट लंबे और एक ट्रैक्टर-ट्रेलर जितने वजनी होते थे.
एक नए अध्ययन ने हिसाब लगाया है कि आखिर इतने विशालकाय सॉरोपोडों के कितने वंश समूह थे. इस अध्ययन के मुताबिक ऐसी इनके करीब 36 लीनियेज यानी वंश समूह थे जो करीब दस करोड़ सालों तक धरती पर रहे.
76 मेट्रिक टन वजनी हेवीवेट चैंपियन
यह अवधि जुरासिक और क्रेटेशियस युगों के बीच की है. अध्ययन में यह भी पता लगा कि इतने विशालकाय होने के पीछे कोई एक क्रम विकास संबंधी रणनीति नहीं थी. ये वंश समूह भी एक जैसे शरीर होने के बावजूद एक दूसरे से काफी अलग थे.
करंट बायोलॉजी पत्रिका में छपे इस अध्ययन के लेखक माइक डी'एमिक कहते हैं, "सॉरोपोड सिर्फ धरती पर पाए जाने वाले सबसे बड़े जानवर ही नहीं हैं. उन्होंने यह खिताब स्वतंत्र रूप से अपने क्रम विकास संबंधी इतिहास में 30 बार से ज्यादा कमाया है." डी'एमिक जीवाश्म वैज्ञानिक हैं और न्यूयॉर्क के अडेल्फी विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं.
सभी सॉरोपोडों में हेवीवेट चैंपियन था आर्जेंटीनौसॉरस, जो करीब 9.5 करोड़ साल पहले अर्जेंटीना में रहता था और करीब 76 मीट्रिक टन वजनी था. उसके बाद बारी आती है 63 मीट्रिक टन के ब्रैकियोसॉरस और 60 मीट्रिक टन के बारोसॉरस की. दोनों करीब 15 करोड़ साल पहले पश्चिमी उत्तरी अमेरिका में पाए जाते थे.
उनके बाद 48 मीट्रिक टन के आस पास वजन के कई सॉरोपोडों का नंबर था, जैसे अर्जेंटीना के नोटोकोलोसस, ड्रेडनॉटस और पतागोटाइटन, केंद्रीय चीन का युनमेंगलोंग और ऑस्ट्रेलिया का ऑस्ट्रालोटाइटन.
20 साल करोड़ साल पुरानी है इनकी कहानी
सॉरोपोड से ज्यादा विशालकाय सिर्फ कुछ व्हेलें ही हुआ करती थीं. आज की ब्लू व्हेल करीब 150 टन वजन के साथ सबसे बड़ी जानवर है. डी'एमिक ने हाथों और पैरों की हड्डियों की लंबाई-चौड़ाई के आधार पर सॉरोपोडों की जानी हुई करीब 250 प्रजातियों में से लगभग 190 के शरीर के वजन का अनुमान लगा लिया है.
डी'एमिक ने सॉरोपोड के 36 वंश समूहों में से 45 ऐसी प्रजातियों का पता लगाया जो अभी तक इतिहास में दर्ज सबसे बड़े जानवरों से भी बड़ी थीं. सॉरोपोड करीब 20 करोड़ साल पहले धरती पर उभरे थे.
विशालकाय होने वाली इनकी पहली प्रजाति थी शिनजियांगटाइटन, जो करीब 16.5 करोड़ साल पहले चीन में पाई जाती थी. आखिरी प्रजाति थी अलामोसॉरस जो दक्षिण-पश्चिमी अमेरिका में 6.6 करोड़ साल पहले डायनासोरों को खत्म कर देने वाली क्षुद्रग्रह की टक्कर से ठीक पहले पाई जाती थी.
इस अध्ययन के नतीजे 19वीं सदी की एक अवधारणा के विपरीत हैं, जिसके तहत माना गया था कि जानवरों के वंश समूहों के शरीर का आकार धीरे धीर समय बीतने के साथ बढ़ा. सॉरोपोडों को अपने आकार का काफी फायदा मिलता था. वो पेड़-पौधे खाने वाले दूसरे डायनासोरों के साथ प्रतियोगिता में रहते थे और साथ ही उन्हें मांस खाने वाले खतरनाक डायनासोरों का भी सामना करना पड़ता था.
डी'एमिक कहते हैं, "मुझे लगता है यह अद्भुत है कि हम इन जानवरों के बारे में अभी भी कितना कुछ सीख रहे हैं. हर साल सॉरोपोडों की करीब 10 नई प्रजातियों की खोज होती है. अधिकांश लोग सोचते हैं कि महत्वपूर्ण खोजें 100 सालों पहले हो चुकी थीं, लेकिन असल में हम इस समय जीवाश्मिकी के लिए खोज के सुनहरे युग में जी रहे हैं."
सीके/एए (रॉयटर्स)