इग्लू की दुनिया में पहुंचे लोग
रूस के नोविसिब्रिस्क में लगातार सातवीं बार इग्लू फेस्टिवल आयोजित कराया गया. इसमें हिस्सा लेने पहुंचे लोगों को ढाई घंटे के भीतर साबित करना था कि उनके भीतर टैलेंट छुपा है.
100 से ज्यादा टीमों की हिस्सेदारी
माइनस 16 डिग्री सेल्सियस के तापमान को यहां के लोग हल्की सर्दी कहते हैं. साइबेरिया के शहर नोविसिब्रिस्क में होने वाले इग्लू फेस्टिवल का नियम है कि ढाई घंटे के भीतर बर्फ से गुबंदनुमा इग्लू बनाना है. ज्यूरी की नजर में जिसका इग्लू सबसे बढ़िया होगा, उसे विजेता घोषित किया जाएगा.
दिखने में आसान, बनाने में मुश्किल
कुछ प्रतिभागी कई साल से इस इग्लू फेस्टिवल में आ रहे हैं. वे कहते हैं कि इग्लू बनाना अनुभवी स्नो आर्टिस्टों के लिए भी आसान नहीं होता. सबसे ज्यादा मुश्किल बर्फ की सिल्लियों को एक दूसरे के ऊपर रखने और गुबंद बनाने में आती है. फाइनल इग्लू में कहीं कोई सुराख नहीं दिखना चाहिए.
अंडा नहीं, गेंद बनाओ
फेस्टिवल के आयोक व्जाशेसलाव गोरजूनो कहते हैं कि ज्यादातर लोग इग्लू को अंडाकार बना देते हैं. यह एक चूक है. ऐसा करने से इग्लू ऊंचा हो जाता है. आदर्श इग्लू गेंद की तरह अर्धगोलाकार होना चाहिए. बढ़िया गोला बनने पर ही इग्लू के भीतर लोगों के लिए पर्याप्त जगह बनेगी.
कुछ अखाड़ी कलाकार
निकोलाय निकोलायेव चौथी बार इस फेस्टिवल में पहुंचे हैं. वह कहते हैं, "शुरुआत में हम सारे दोस्त बुरी तरह नाकाम रहे. पिछले साल जब हम यहां तीसरी बार पहुंचे तब जाकर हमसे इग्लू बन सका." चेहरे पर गर्व के भाव के साथ निकोलायेव कहते हैं कि इस साल तो वे और भी बड़ा इग्लू बनाने जा रहे हैं.
बन गया इग्लू गांव
2022 के फेस्टिवल के दौरान 132 इग्लू बनाए गए. हालांकि इनमें से सभी परफेक्ट नहीं थे. आयोजकों के मुताबिक माइनस 16 डिग्री का तापमान इग्लू बनाने के लिए अच्छा नहीं है. ज्यादा सर्दी होने पर बर्फ बढ़िया ढंग से स्थिर होती है.
इग्लू में एक रात
प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से यायावर किस्म के प्रतिभागी दिन भर की मेहनत के बाद अपने हैंडमेड इग्लू में एक रात बिताना पंसद करते हैं. हैरान की बात है कि बर्फ से बना इग्लू हवा को रोककर भीतर गर्मी बनाए रखता है. (रिपोर्ट: फिलिप ब्योल)