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समाज

संकट के समय में फेक न्यूज फैलाते लोग

८ अप्रैल २०२०

कोरोना वायरस को लेकर इस वक्त सोशल मीडिया पर भ्रामक और फर्जी खबरों की बाढ़ सी आ गई है. चैटिंग एप व्हॉट्सएप पर तो लोग बिना पुष्टि किए ही संदेश को आगे बढ़ा दे रहे हैं. हालांकि बाद में वह संदेश झूठे साबित होते हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/N. Economou

पिछले दिनों भारत में जारी तालाबंदी को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया और व्हॉट्सएप पर बहुत तेजी से वायरल हुई. जिसमें दावा किया गया कि भारत में तालाबंदी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के लॉकडाउन प्रोटोकॉल के मुताबिक की गई है. मेसेज में कहा गया कि 20 अप्रैल से 18 मई के बीच तीसरा चरण लागू होगा. इस मैसेज में दावा किया गया कि डब्ल्यूएचओ ने  लॉकडाउन की अवधि को चार चरणों में बांटा है और भारत भी इसका अनुसरण कर रहा है. चार चरणों में लॉकडाउन की बात झूठी थी और यह सिर्फ लोगों में भय पैदा करने के इरादे से फैलाई गई थी. डब्ल्यूएचओ के साथ साथ भारत सरकार ने भी इस  मेसेज  को झूठा करार दिया.

व्हॉट्सएप पर एक और  मेसेज  तेजी से वायरल हुआ कि व्हॉट्सएप ग्रुप में कोरोना वायरस को लेकर कोई मजाक या जोक साझा किया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मैसेज में लिखा हुआ था कि मजाक या जोक साझा करने पर ग्रुप एडमिन के खिलाफ धारा 68, 140 और 188 के उल्लंघन की ही तरह कार्रवाई की जाएगी. प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने इस संदेश को भी फर्जी करार दिया.


समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा है कि सरकार ने फेसबुक और चीनी वीडियो एप टिकटॉक से ऐसे वीडियो हटाने को कहा है जो गलत जानकारी को बढ़ावा दे रहे हैं.  दिल्ली स्थित डिजिटल एनालिटिक्स कंपनी ने कुछ वीडियो के विश्लेषण के बाद सरकार को रिपोर्ट सौंपी है. कंपनी ने एक वीडियो में खास पैटर्न की पहचान की है. सोशल मीडिया वीडियो कुछ धार्मिक मान्यताओं का इस्तेमाल करते हुए मुसलमानों को लक्षय में रखते हुए बनाए गए है. इन वीडियो में धार्मिक मान्यताओं का उपयोग करते हुए, वायरस पर स्वास्थ्य सलाह की अवहेलना को उचित ठहराया जा रहा है.

एक सूत्र का कहना है कि इन चिंताओं को लेकर भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टिकटॉक और फेसबुक को पत्र लिखा है. पत्र में कहा है गया कि ऐसे यूजर्स को वे अपने मंच से हटा दें जो गलत जानकारी फैला रहे हैं और साथ ही उनकी जानकारी रखने को कहा है ताकि बाद में जरूरत पड़ने पर पुलिस और प्रशासन से साझा की जा सके.

टिकटॉक ने एक बयान में कहा कि वह सरकार के साथ सक्रियता से काम कर रहा है. फेसबुक ने फर्जी खबरों के बारे में कहा, "हम अपने मंच पर गलत सूचना और हानिकारक सामग्री को फैलने से रोकने के लिए आक्रामक कदम उठा रहे हैं."

व्हॉट्सएप ने मंगलवार 7 अप्रैल को मैसेज फॉरवडिंग को सीमित कर दिया था. दरअसल लोग व्हॉट्सएप के जरिए बड़े पैमाने पर फर्जी और भ्रामक संदेश फॉरवर्ड कर रहे थे. कंपनी के नए नियम के मुताबिक फॉरवर्ड मैसेज को सिर्फ एक चैट के साथ ही साझा किया जा सकेगा. यानी अब मैसेज फॉरवर्ड करने वाला एक बार में एक ही यूजर को मैसेज फॉरवर्ड कर पाएगा.

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