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शिक्षासंयुक्त राज्य अमेरिका

विदेशी छात्रों को ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले लौटने की सलाह

२३ दिसम्बर २०२४

अमेरिका के कई कॉलेजों ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को सलाह दी है कि वे डॉनल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले कैंपस लौट आएं क्योंकि आशंका है कि ट्रंप अपने पहले कार्यकाल की तरह यात्रा प्रतिबंध लागू कर सकते हैं.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप
डॉनल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ लेंगेतस्वीर: Brian Snyder/REUTERS

अमेरिका के दर्जन भर से अधिक संस्थानों ने एडवाइजरी जारी की है कि विदेशी छात्र ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले कॉलेज लौट आएं. हालांकि ट्रंप की योजनाएं अभी अनिश्चित हैं.

कुछ स्कूलों में स्प्रिंग सेमेस्टर ट्रंप के पदभार ग्रहण करने से पहले शुरू हो रहा है, इसलिए छात्रों को वैसे भी कक्षाओं में लौटना होगा. लेकिन जिन छात्रों का अमेरिका में रहना शैक्षणिक वीजा पर निर्भर है, उनके लिए यह जोखिम कम करने और 20 जनवरी से पहले लौटने का सही समय है.

ट्रंप ने पहले क्या किया था?

जनवरी 2017 में ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेशजारी किया था, जिसमें सात मुस्लिम-बहुल देशों – इराक, सीरिया, ईरान, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन – के नागरिकों के अमेरिका की यात्रा करने पर प्रतिबंध लगाया गया था. इन देशों के यात्रियों को या तो उनकी फ्लाइट में चढ़ने से रोका गया या अमेरिका पहुंचने पर हिरासत में लिया गया. इनमें छात्र, शिक्षाविद, व्यवसायी, पर्यटक और अपने परिवार व दोस्तों से मिलने वाले लोग शामिल थे.

बाद में ट्रंप ने कुछ देशों को सूची से हटाया और कुछ अन्य जोड़े. उनके कार्यकाल के दौरान कुल 15 देशों को इस प्रतिबंध का सामना करना पड़ा. अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, इस प्रतिबंध के कारण 40,000 से अधिक लोगों को वीजा देने से इनकार कर दिया गया. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2021 में इस आदेश को रद्द कर दिया था.

छात्रों पर क्या असर हो रहा है?

2023-24 शैक्षणिक सत्र में 11 लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र अमेरिका के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे थे. इनमें से आधे से अधिक छात्र भारत और चीन से हैं, जबकि करीब 43,800 छात्र उन 15 देशों से आते हैं जिन पर ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध लागू हुए थे.

जैकी ली, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में पर्यावरण अध्ययन के तीसरे वर्ष के छात्र हैं. वह 21 दिसंबर को चीन गए थे और 16 जनवरी को वापस आएंगे. हालांकि उन्होंने यह योजना महीनों पहले बनाई थी, लेकिन बर्कले द्वारा एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद उनकी चिंता बढ़ गई है.

ली ने कहा, "आज के वैश्विक तनावों को देखते हुए डर है कि यह प्रतिबंध बड़े समुदायों पर भी लागू हो सकता है." उन्होंने ट्रंप से अपील की कि वे महत्वपूर्ण शैक्षणिक अनुसंधान को समर्थन दें, न कि उसे बाधित करें.

उन्होंने कहा, "अगर अमेरिका वास्तव में शैक्षणिक स्वतंत्रता का समर्थक है, तो उसे विभिन्न देशों के बीच इस तरह के संवाद को प्रतिबंधित नहीं करना चाहिए."

अब ट्रंप क्या कर सकते हैं?

ट्रंप की सत्ता हस्तांतरण टीम ने इस विषय पर सवालों का जवाब नहीं दिया. लेकिन उन्होंने पहले कहा था कि वे यात्रा प्रतिबंध को फिर से लागू करेंगे और इसे विस्तार देंगे. उन्होंने गैर-अमेरिकी नागरिकों के लिए "वैचारिक जांच" का वादा किया है ताकि "खतरनाक पागल, नफरत करने वाले, कट्टरपंथी और उन्मादी" लोगों को रोका जा सके.

2023 के अक्टूबर में आयोवा में एक अभियान रैली में ट्रंप ने कहा, "हम गजा, सीरिया, सोमालिया, यमन, लीबिया या किसी भी ऐसे स्थान से किसी को भी नहीं लाएंगे जो हमारी सुरक्षा को खतरा पहुंचाए."

इसके अलावा, उन्होंने "अमेरिका विरोधी और यहूदी विरोधी विदेशी छात्रों" के वीजा रद्द करने की बात कही, खासकर कैंपस प्रदर्शनों के जवाब में.

स्कूल छात्रों को क्या बता रहे हैं?

स्कूल प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को सर्दियों की छुट्टियों के दौरान घर जाते समय 20 जनवरी से पहले लौटने और इमिग्रेशन प्रक्रिया में संभावित देरी के लिए तैयार रहने को कहा है.

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इस सूची में हार्वर्ड और ब्राउन जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय, बॉस्टन की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी और एमआईटी, और देश भर के अन्य स्कूल शामिल हैं, जैसे जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया.

कॉर्नेल यूनिवर्सिटी ने अपने छात्रों को बताया कि 13 देशों से जुड़े यात्रा प्रतिबंध "शपथ ग्रहण के तुरंत बाद लागू होने की संभावना है." उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि चीन और भारत जैसे नए देश इस सूची में जोड़े जा सकते हैं.

अन्य स्कूलों ने ऐसी संभावना जाहिर नहीं की है लेकिन छात्रों को योजनाएं बनाने और देरी के लिए तैयार रहने की सलाह दी है.

वीके/ (एपी)