कब जारी होगी संयुक्त राष्ट्र की शिनजियांग रिपोर्ट
२५ अगस्त २०२२मिशेल बैशले के चार साल के कार्यकाल के खत्म होने में एक हफ्ते से भी कम समय बचा है. उनका कहना है कि अभी भी यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर यह रिपोर्ट कब छपेगी. अमेरिका और कई दूसरे पश्चिमी देशों के जनप्रतिनिधियों ने शिनजियांग में उइगुर समुदाय के लोगों के प्रति चीन के बर्ताव को "नरसंहार" बताया है.
चीन इस आरोप को नकारता आया है. अधिकार समूहों का कहना है कि इस प्रांत में कम से कम 10 लाख लोगों को "पुनर्शिक्षा शिविरों" में कैद कर रखा हुआ है. से अधिकांश उइगुर मुस्लिम हैं और इन्हें कई तरह के शोषण का सामना करना पड़ता है. इसमें महिलाओं के जबरन बंध्याकरण से लेकर जबरन मजदूरी तक शामिल है. जबकि चीन का कहना है कि सरकार वहां चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र चला रही है.
कब से टल रहा है रिपोर्ट का प्रकाशन
अगस्त 2018 में संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने चीन पर शिनजियांग को एक विशाल नजरबंदी शिविर में तब्दील करने का आरोप लगाया था. बैशले ने अगले महीने ही पद संभाला लेकिन 18 सितंबर को अपने पहले भाषण में उन्होंने इन आरोपों का कोई जिक्र नहीं किया.
मार्च 2019 में उन्होंने "एक स्वतंत्र आंकलन करने के लिए संपूर्ण पहुंच" की मांग की थी. पश्चिमी सरकारों और गैर सरकारी संगठनों ने चीन के प्रति उनकी सख्ती की सराहना की.
फरवरी 2021 में उन्होंने शिनजियांग में "मानवाधिकार स्थिति के व्यापक आंकलन" की मांग की. लेकिन सात महीने बाद उन्होंने बताया कि उन्हें तब तक भी शिनजियांग तक पूरी पहुंच नहीं दी गई है. उस समय तक यूएन का उनका कार्यालय "उपलब्ध जानकारी के आंकलन" को अंतिम रूप देने तैयारी कर रहा था ताकि उसे सार्वजनिक किया जा सके.
2021 के अंत में उनके कार्यालय ने जोर दे कर कहा कि रिपोर्ट अगले कुछ हफ्तों में जारी कर दी जाएगी. लेकिन उसके प्रकाशन को बार बार टाल दिया गया.
चीन का रवैया
जून 2019 में जिनेवा में चीन के तत्कालीन राजदूत चेन शू ने "देखना ही विश्वास करना है" कह कर उन्हें शिनजियांग आने का खुला निमंत्रण दिया. लेकिन चीन ने हमेशा इस बात पर जोर दिया था कि उनकी यात्रा एक तथ्य खोजी मिशन की जगह एक "दोस्ताना दौरा" होनी चाहिए.
बैशले के दफ्तर और चीन के बीच यात्रा को लेकर आखिर सामंजस्य स्थापित हो ही गया और मई 2022 में वो छह दिनों के लिए शिनजियांग गईं. यह संयुक्त राष्ट्र के किसी भी मानवाधिकार प्रमुख की 17 सालों में पहली चीन यात्रा थी. यात्रा के अंत में उन्होंने कहा कि यात्रा "कोई जांच नहीं थी".
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने चीन के नेताओं से शिनजियांग में उनके कार्यों के बारे में "साफदिली" से बात की. उन्होंने चीन से शिनजियांग में "मनमाने और विवेकहीन कदम" उठाने से बचने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वो "चरमपंथ के हिंसक कदमों" से हुए नुकसान को मानती हैं. उइगुरों का समर्थन करने वाले संगठनों ने उनके शब्दों को "बहुत नरम" बताते हुए उनकी आलोचना की.
बैशले की आलोचना का असर
अमेरिका और बड़े गैर सरकारी संगठनों ने भी उनकी आलोचना की. उनका कहना था कि बैशले ने चीन के प्रति दृढ़ता नहीं दिखाई और खुद को एक वैश्विक मानवाधिकार चैंपियन की जगह एक कूटनीतिज्ञ जैसा दिखाया. बैशले के दफ्तर ने इस रिपोर्ट और उसमें लिखी बातों पर बहुत कम कहा है.
उनके दफ्तर के एक प्रवक्ता ने अगस्त की शुरुआत में एएफपी एजेंसी को बताया, "आकलन को मानवधिकारों के प्रोत्साहन और संरक्षण के लिए उच्च आयुक्त के वैश्विक मैंडेट के तहत तैयार किया गया है." उन्होंने यह भी बताया कि 2021 में उच्च आयुक्त ने मानवाधिकार परिषद को जानकारी दी कि एक स्वतंत्र आकलन जरूरी है.
जुलाई 2022 में जिनेवा में चीन के दूतावास ने शिनजियांग पर कथित आकलन को जारी किए जाने का विरोध करते हुए करीब 1,000 गैर सरकारी संगठनों की एक खुली चिट्ठी छापी. दूतावास ने बैशले से कहा कि वह "इतिहास के सही तरफ खड़ी हों और झूठ से भरा वो आकलन जारी ना करें."
अब बैशले ने पत्रकारों को बताया है कि उनका दफ्तर बहुत मुश्किल से वो करने की कोशिश कर रहा है जिसका उन्होंने अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले पूरा करने का वादा किया था. उन्होंने यह भी माना कि उन्हें रिपोर्ट "छापने या ना छापने का फैसला लेने में जबरदस्त दबाव" का सामना करना पड़ा है. लेकिन उन्होंने किसी भी दबाव में आकर ऐसा कोई फैसला नहीं लेने की बात कही है.
सीके/आरपी (एएफपी, रॉयटर्स)