कैसे हो रही है प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारी
प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ मेले में 40 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है. जिस इलाके में मेले का आयोजन होगा, उसे चार महीने के लिए अलग जिला घोषित कर दिया गया है. देखिए कैसी चल रही है मेले की तैयारी.
40 किलोमीटर वर्ग का इलाका
जैसे-जैसे मेले की तारीख करीब आती जा रही है, अस्थायी जिले का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है. 40 किलोमीटर वर्ग में फैले इस इलाके को 25 भागों में बांटा गया है.
12 किलोमीटर लंबा घाट
गंगा नदी के किनारे 12 किलोमीटर लंबे एक हिस्से को पवित्र दिनों और स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तैयार किया जा रहा है.
बिजली, पानी, अस्पताल की व्यवस्था
लोगों के रहने के इंतजाम के अलावा, सड़कें, बिजली, पानी, मोबाइल नेटवर्क के टावर और 11 अस्पताल भी बनाने की भी योजना है. शिविरों के लिए मचान खड़े किए जा रहे हैं. इनमें से कुछ शिवर इतने बड़े हैं कि उनमें 25,000 लोगों को ठहराया जा सकेगा.
बनाए जा रहे हैं पॉन्टून पुल
सैकड़ों श्रमिक और मशीनें चौबीसो घंटे पानी और जलनिकासी के पाइप लगाने में जुटे हैं. 30 पॉन्टून पुल बनाए जा रहे हैं और नदी से निकाली गई रेत से किनारों का विस्तार किया जा रहा है.
सफाई, सुरक्षा पर भी ध्यान
कुंभ क्षेत्र में 1,50,000 से भी ज्यादा अस्थायी शौचालय बनाए जाएंगे, जिनकी सफाई के लिए करीब 20,000 कर्मचारियों का इंतजाम किया गया है. मेले में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए 50,000 सुरक्षाकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इन्हें स्ट्रेस मैनेजमेंट और श्रद्धालुओं से अच्छी तरह बातचीत करने के लिए सॉफ्ट स्किल्स का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
एआई कैमरे रखेंगे नजर
पूरे इलाके पर नजर रखने के लिए चार केंद्रीय नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं. निगरानी के लिए 2,500 से ज्यादा कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें से कुछ में एआई भी है. इनकी मदद से भीड़ में कितने लोग हैं, वे किस तरफ जा रहे हैं, इस तरह की तमाम जानकारियां नियंत्रण कक्षों तक पहुंचती रहेगी - सीके/एसएम (एपी)