इन देशों को मिला ब्रिक्स में शामिल होने का न्योता
40 देश, ब्रिक्स में शामिल होना चाहते हैं. लेकिन फिलहाल न्योता छह को ही मिला है. ये देश 2024 से ब्रिक्स के पूर्ण सदस्य होंगे.
नए सदस्यों के लिए रजामंदी
ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी कर रहे दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने छह देशों को फुल मेंबरशिप का न्योता देने की जानकारी दी है. ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के संगठन ब्रिक्स में शामिल होने के लिए सभी सदस्यों की रजामंदी जरूरी होती है.
मिस्र
मिस्र अरब जगत में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. स्वेज नहर को नियंत्रित करने वाले मिस्र के भारत और रूस से ऐतिहासिक संबंध रहे हैं. एशिया और यूरोप के बीच होने वाला ज्यादातर समुद्री परिवहन मिस्र के मुहाने से ही गुजरता है.
इथियोपिया
पूरी तरह जमीनी बॉर्डर से घिरा इथियोपिया, जनसंख्या के लिहाज से नाइजीरिया के बाद अफ्रीकी महाद्वीप का दूसरा बड़ा देश है. गरीबी और सूखे से जूझने के बावजूद बीते 23 साल से इथियोपिया की अर्थव्यवस्था हर साल औसतन 10 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से दौड़ रही है.
ईरान
पश्चिमी देशों के साथ तनावपूर्ण संबंध रखने वाला ईरान मध्य पूर्व में एक बड़ी ताकत है. हाल के महीनों में चीन की मध्यस्थता में ईरान और खाड़ी के देशों के रिश्ते सुधर रहे हैं. ब्रिक्स में एंट्री, ईरान को अंतरराष्ट्रीय मंच से जोड़ने का काम करेगी.
अर्जेंटीना
कभी दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप की अहम ताकत कहा जाने वाला अर्जेंटीना, आज आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा है. ब्राजील का पड़ोसी ये देश अमेरिका और चीन का बड़ा कारोबारी साझेदार है.
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)
मध्य पूर्व एशिया से अमेरिका का मोहभंग हो चुका है. इलाके में अमेरिका के साझेदार रहे देशों को अब नए रिश्ते बनाने पड़ रहे हैं. इसी कोशिश में यूएई तेजी से एशियाई ताकतों के साथ संबंध बढ़ा रहा है.
सऊदी अरब
सऊदी अरब दुनिया का अकेला ऐसा देश है, जिसके तटों पर लाल सागर और फारस की खाड़ी हैं. इस्लाम का पवित्र केंद्र माना जाने वाला सऊदी अरब भी अब अमेरिकी छाया से निकलकर नए साझेदार तलाश रहा है.