भारत में तेजी से बढ़ते ओमिक्रॉन के मामले
२७ दिसम्बर २०२१कोरोना संक्रमण और ओमिक्रॉन के तेजी से बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. त्योहार के मौसम में बाजारों और पर्यटन स्थलों में बढ़ती भीड़ से निपटने के लिए देश के अलग-अलग राज्य सरकारें नियम कड़ी कर रही हैं. सोमवार, 27 दिसंबर तक देश के 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमिक्रॉन के मरीज पाए गए. अब तक देश में ओमिक्रॉन के कुल 578 केस सामने आ चुके हैं. रविवार को ओमिक्रॉन के 422 मामले दर्ज हुए थे. सोमवार को इसमें 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
किन राज्यों में ओमिक्रॉन के कितने केस? (27 दिसंबर)
दिल्ली- 142
महाराष्ट्र- 141
गुजरात- 49
तेलंगाना- 41
केरल-57
तमिलनाडु- 34
कर्नाटक- 31
मध्य प्रदेश- 9
आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 6-6
उत्तर प्रदेश-2
राजस्थान- 43
हरियाणा और ओडिशा में 4-4 मामले
हिमाचल, लद्दाख और उत्तराखंड में 1-1 केस
जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ में 3-3 मामले
पिछले 24 घंटे में दिल्ली में सबसे अधिक 142 मामले दर्ज किए गए हैं, इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर है. शादी और त्योहारों के मौसम के मद्देनजर ओमिक्रॉन के मामले बढ़ रहे हैं, जिसने सरकारों को उन प्रतिबंधों को वापस लाने के लिए मजबूर किया है, जो कोरोना के मामलों में गिरावट होने के बाद आसान हो गए थे.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ने भी रात के कर्फ्यू की घोषणा की है. रविवार को दिल्ली में 1 जुलाई के बाद सबसे ज्यादा कोरोना के सक्रिय मामले दर्ज किए गए थे. रविवार को दिल्ली में 290 नए केस सामने आए और सक्रिय मामले 1100 के पार हो गए.
अभी भी सावधानी जरूरी
ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा डीडब्ल्यू से कहते हैं सड़कों पर चलने वाले अधिकांश लोग फेस मास्क नहीं पहनते हैं. वे कहते हैं कि भारत के लिए सकारात्मक पहलू यह है कि देश कोरोना को लेकर प्रबंधन से वाकिफ है. वे कहते हैं, "जब कोरोना आया था तो हमें उसके प्रबंधन को लेकर जानकारी नहीं थी, अब कोरोना प्रोटोकॉल है और हम उसका पालन कर सकते हैं."
साथ ही डॉ. शर्मा कहते हैं कि समय के साथ वायरस म्युटेट होता रहेगा और हमारे सामने चुनौतियां आती रहेंगी. उनके मुताबिक इस समय भारत अन्य देशों के मुकाबले बेहतर कर रहा है.
दिल्ली में नाइट कर्फ्यू
ओमिक्रॉन और कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सोमवार की रात 11 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की है. नाइट कर्फ्यू के दौरान लोगों को सिर्फ जरूरी कामों के लिए घर से बाहर जाने की इजाजत होगी. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए जुलाई में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) को मंजूरी दी थी. जीआरएपी का उद्देश्य कोरोना की स्थिति के आधार पर प्रतिबंध लगाने और हटाने की स्पष्ट व्यवस्था तैयार की गई है.
पॉजिटिविटी दर, कोविड के नए मामले और राजधानी दिल्ली में उपलब्ध ऑक्सीजन वाले बिस्तरों में से कितने भरे हुए हैं, इन मापदंडों के आधार पर अलर्ट जारी किए जाएंगे. येलो अलर्ट होने पर रात का कर्फ्यू लगाया जाएगा, येलो अलर्ट के लिए लगातार दो दिनों तक संक्रमण दर 0.5 प्रतिशत या फिर लगातार सात दिनों के दौरान 1500 से अधिक या फिर औसत 500 ऑक्सीजन बेड सात दिनों तक भरे रहें. रेड अलर्ट तब लागू होगा जब लगातार दो दिनों तक संक्रमण दर एक प्रतिशत या फिर सात दिनों की अवधि में 3500 मामले या फिर सात दिनों तक 700 ऑक्सीजन वाले बिस्तर भरे रहें.
डॉ. शर्मा के मुताबिक, "ओमिक्रॉन से मृत्यु दर दो प्रतिशत से भी कम है. हमने सारे इंतजाम कर लिए हैं, अभी तक जो भी मामले सामने आ रहे हैं वे उतने गंभीर नहीं लेकिन हमें एहतियात कम नहीं करना चाहिए. बूस्टर डोज देने से काफी मदद मिलेगी."
डॉ. शर्मा साथ ही सलाह देते हैं कि जब भी कभी सार्वजनिक जगह पर हों तो मास्क को कभी भी नाक के नीचे नहीं लाना चाहिए.
25 दिसंबर को केंद्र सरकार ने 15 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन को मंजूरी दे दी. 3 जनवरी, 2022 से देश में बच्चों को भी कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की थी. स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन कर्मचारियों को 10 जनवरी से तीसरा टीका लगेगा. 60 साल और इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग जो गंभीर रोगों से पीड़ित हैं, वे भी डॉक्टर की सलाह पर ऐहतियातन तीसरी डोज ले सकते हैं.