नारंगी आसमान: जब आइसलैंड में फटा ज्वालामुखी
दक्षिण पश्चिमी आइसलैंड में हफ्तों की भूकंपीय गतिविधि के बाद एक ज्वालामुखी आखिर फट ही गया. इस समय वहां के नागरिकों के लिए खतरे का अंदेशा नहीं है. देखिए ज्वालामुखी की करीब से तस्वीरें.
लंबे समय से था अंदेशा
महीनों से यहां काफी ज्यादा भूकंपीय गतिविधियां हो रही थी, जो संकेत दे रही थीं कि ज्वालामुखी फटने ही वाला है. ग्रिंडाविक शहर के पास स्थित ज्वालामुखी आखिरकार 18 दिसंबर को फट ही गया. धरती में लंबी दरारें पड़ गईं जिनमें से मैग्मा निकला और रात के आसमान को नारंगी बना दिया.
लावा पर नजर
आइसलैंडिक मीटियोरोलॉजिकल इंस्टिट्यूट के मुताबिक दरार करीब 3.5 किलोमीटर लंबी है और बढ़ रही है. उसमें से करीब 100 से 200 क्यूबिक मीटर लावा हर सेकंड निकल रहा है, जो इस इलाके में इससे पहले हुए किसी भी ज्वालामुखी के विस्फोट से कई गुना ज्यादा है. सिविल डिफेंस ने लोगों को उस इलाके के तरफ नहीं आने की चेतावनी दी.
क्या लावा हानिकारक है
19 दिसंबर की सुबह तक जानकारों का कहना था कि लावा के बहाव की दिशा देखते हुए ऐसा लग रहा है कि उससे आस पास के इकलौते गांव को कोई खतरा नहीं है. ग्रिंडाविक के निवासी उम्मीद कर रहे हैं कि उनके घरों को कुछ नहीं होगा.
स्थिति नियंत्रण में
आईएमओ के मुताबिक विस्फोट के अगले दिन ज्वालामुखी की गतिविधि स्थिर हो गई थी. यह विस्फोट की अवधि का संकेत नहीं, बल्कि विस्फोट के स्थिर होने का संकेत है.
आ सकते हैं ज्वालामुखी पर्यटक
सिविल प्रोटेक्शन ने स्थानीय टीवी चैनल पर चेतावनी दी है कि विस्फोट कोई पर्यटन का आकर्षण नहीं है. पर्यटन विभाग के मुताबिक हाल के सालों में, इस इलाके में हुए विस्फोटों ने करीब 6,80,000 पर्यटकों को आकर्षित किया है.
हजारों लोगों को निकालना
11 नवंबर को ही ग्रिंडाविक से 4,000 लोगों को निकाल लिया गया था. ज्वालामुखी के करीब बसे इस छोटे से कस्बे में एक फिशिंग पोर्ट है, जो राजधानी रिक्याविक से करीब 40 किलोमीटर दूर है. यहां के निवासियों को तब जाना पड़ा जब वैज्ञानिकों को पता चला कि उनके नीचे मैग्मा की एक सुरंग बह रही थी.
एक उबलता हुआ भूतिया शहर
नवंबर से ही छोटे छोटे कई भूकंपों ने कस्बे में कई सड़कों और इमारतों को नुकसान पहुंचा दिया था. कभी कभी तो एक दिन में सैकड़ों भूकंप आए. तब से स्थानीय लोगों को सिर्फ दिन के एक खास समय पर अपने घर लौटने की इजाजत दी गई है. (फ्लोरियन मेयर)