चीन की मदद से पाकिस्तान का तीसरा न्यूक्लियर पावर प्लांट शुरू
२९ दिसम्बर २०१६यह पाकिस्तान का चौथा न्यूक्लियर पावर प्लांट है जो 340 मेगावॉट बिजली पैदा करेगा. चीन ने पाकिस्तान में चार ऐसे पावर प्लांट बनाने की मदद दी है. बुधवार को इस प्लांट के उद्घाटन के वक्त शरीफ ने लोगों से वादा किया कि 2018 तक बिजली की दिक्कत खत्म हो जाएगी. 2018 में नवाज शरीफ की सरकार का कार्यकाल खत्म होगा. उन्होंने 2030 तक देश में ही 8800 मेगावॉट बिजली पैदा करने का लक्ष्य तय किया है.
पाकिस्तान उन चंद विकासशील देशों में से है जहां 2011 में जापान के फुकुशिमा में हुए परमाणु हादसे के बावजूद परमाणु ऊर्जा के रास्ते पर आगे बढ़ा जा रहा है. देश में बिजली की खासी कमी है. गर्मी के मौसम में जब बिजली की मांग सबसे ज्यादा होती है तब तो 7000 मेगावॉट यानी कुल मांग के 32 फीसदी तक की कमी हो जाती है.
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चीन की मदद से पाकिस्तान जो परमाणु बिजली घर बना रहा है, उनका नाम चश्मा रखा गया है. जिस चश्मा-3 का उद्घाटन शरीफ ने बुधवार को किया वह राजधानी इस्लामाबाद से 2500 किलोमीटर दक्षिण पश्चिमी में स्थित है. यह पाकिस्तान का चौथा न्यूक्लियर पावर प्लांट है. पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट 1972 में कनाडा की मदद से बनाया गया था. इस बिजलीघर में 137 मेगावॉट बिजली बनाई जाती है.
शरीफ ने कहा, "आज हमने पावरकट्स से मुक्त एक देश होने के सफर में एक अहम मील का पत्थर पार कर लिया है. मैं इस बात के लिए अल्लाह का शुक्रगुजार हूं और पूरे मुल्क को बधाई देता हूं." इस मौके पर चीनी अधिकारी भी मौजूद थे. शरीफ ने कहा कि चौथे चश्मा प्लांट का काम अप्रैल 2017 में शुरू होने की उम्मीद है. लेकिन पावर प्लांट्स का यह सिलसिला उसके बाद भी जारी रहेगा. मध्य पाकिस्तान में दो और प्लांट्स बनाए जाने की योजना पर काम चल रहा है. इसके अलावा कराची के पास भी दो विशाल पावर प्लांट्स बनाए जाने हैं जिनकी क्षमता 2200 मेगावॉट होगी.
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चीन पाकिस्तान में अपना निवेश लगातार बढ़ा रहा है. 2015 में ही देश में 46 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट्स शुरू हुए हैं. इनमें ग्वादर पोर्ट तक बनने वाला बेहद चर्चित सड़क मार्ग भी है जिसे लेकर भारत अपना विरोध जताता रहा है. पिछले सप्ताह देश के मुख्य सर्राफा बाजार ने ऐलान किया कि एक चीनी संघ स्टॉक एक्सचेंज में 40 फीसदी हिस्सा खरीद रहा है. यह समझौता 8.4 करोड़ डॉलर का होगा. शंघाई इलेक्ट्रिक ने अगस्त में ऐलान किया था कि कराची को बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी की मुख्य हिस्सेदारी 1.7 अरब डॉलर में खरीद रही है. यह पाकिस्तान में निजी सेक्टर का सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा.
वीके/एके (एपी, एएफपी)