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पुतिन ने मोदी को रूस आने का न्योता दिया

२८ दिसम्बर २०२३

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भारतीय विदेश मंत्री ने बुधवार को मुलाकात की. इस दौरान पुतिन ने मोदी को रूस आने का न्योता दिया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिनतस्वीर: Mikhail Metzel/TASS/dpa/picture alliance

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एस जयशंकर की मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति आमतौर पर दौरे पर आए विदेश मंत्रियों से नहीं मिलते हैं. बुधवार को क्रेमलिन में इन दोनों नेताओं की मुलाकात हुई, जिसमें पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल रूस आने का निमंत्रण दिया.

पुतिन ने जयशंकर से कहा कि हमें अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी को रूस में देखकर खुशी होगी. पुतिन और जयशंकर के बीच व्यापार और यूक्रेन युद्ध को लेकर बातचीत हुई. समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक बैठक की शुरुआत में पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन में जारी लड़ाई के बारे में जयशंकर को जानकारी देंगे.

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पुतिन: यूक्रेन जंग के बारे में कई बार बताया

उन्होंने कहा, "कई बार, मैंने उन्हें (मोदी को) बताया कि वहां चीजें कैसे चल रही हैं." मोदी ने यूक्रेन युद्ध को लेकर तटस्थ रुख अपना रखा है और पश्चिमी देशों के बार-बार कहने पर भी रूस की आलोचना नहीं की है.

पुतिन ने कहा, "मैं इस समस्या को शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास करने की मोदी की इच्छा के बारे में जानता हूं." पुतिन ने कहा, "पीएम मोदी अपनी पूरी कोशिश करने को तैयार हैं ताकि मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीकों से हल किया जा सके."

इससे पहले एससीओ की बैठक में पुतिन से मुलाकात के दौरान मोदी ने कहा था कि "आज का दौर युद्ध का दौर नहीं है." मोदी ने इसी साल जी-20 की बैठक में भी इस बात को दोहराया था.

जयशंकर ने पुतिन के साथ बैठक में कहा, "हमारी व्यापार बातचीत को और अधिक टिकाऊ बनाना बहुत महत्वपूर्ण है. हमें यह सोचने की जरूरत है कि इसे कैसे हासिल किया जाए."

तेल निर्यात के बाजार के रूप में भारत, रूस के लिए उसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में महत्वपूर्ण होता जा रहा है, क्योंकि पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण रूस के तेल शिपमेंट में कटौती हो रही है.

कई अहम मुद्दों पर दोनों देशों के बीच चर्चा

रूस की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मॉस्को पहुंचे जयशंकर ने इससे पहले अपने रूसी समकक्ष सर्गेइ लावरोव से मुलाकात की थी. रिपोर्टों के मुताबिक जयशंकर ने लावरोव के साथ बैठक के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्थिति और समसामयिक मुद्दों पर बात की. जयशंकर ने लावरोव के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र, यूक्रेन संघर्ष, गाजा स्थिति, अफगानिस्तान और मध्य एशिया, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन, जी-20 और संयुक्त राष्ट्र पर भी चर्चा की.

लावरोव ने कहा कि उन्होंने जयशंकर के साथ "सैन्य-तकनीकी सहयोग की संभावनाओं" पर चर्चा की. जिसमें आधुनिक प्रकार के हथियारों का संयुक्त उत्पादन शामिल है.

वहीं जयशंकर ने कहा कि हम इस तथ्‍य की तारीफ करते हैं कि हमारा व्‍यापार अपने सर्वोच्‍च स्‍तर पर पहुंच गया है. उनके मुताबिक यह इस साल 50 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और यह इस साल और बढ़ सकता है.

भारत और रूस के बीच शीर्ष नेताओं के स्तर पर सालाना सम्मेलन होता है. इस सम्मेलन के लिए एक बार रूसी राष्ट्रपति दिल्ली आते हैं तो वहीं अगले साल भारतीय प्रधानमंत्री मॉस्को जाते हैं. अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं.

आखिरी सम्मेलन दिल्ली में हुआ था और इसमें रूसी राष्ट्रपति शामिल हुए थे. यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पीएम मोदी 2022 में रूस के दौरे पर नहीं गए थे. जी-20 सम्मेलन के लिए भी रूसी राष्ट्रपति भारत दौरे पर नहीं आए थे. आखिरी बार पीएम मोदी 2019 में रूस के दौरे पर गए थे.