रूस ने बंदरगाह पर तैनात की डॉल्फिनें
२ मई २०२२रूस ने प्रशिक्षित डॉल्फिनों को काले सागर के नौसैनिक अड्डे पर तैनात किया है. यूएस नेवल इंस्टिट्यूट (USNI) ने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर यह दावा किया है. समुद्री रक्षा और सुरक्षा मामलों पर काम करने वाली स्वतंत्र संस्था (USNI) ने कहा है कि रूसी नौसेना ने दो डॉल्फिनों को क्रीमिया के पास सेवास्तोपोल बंदरगाह पर तैनात किया है. यह डॉल्फिनें यूक्रेन पर हमले शुरू होने के बाद से ही वहां हैं.
क्रीमिया से नजदीकी के चलते सेवास्तोपोल रूस के लिए एक अहम नौसैन्य अड्डा है. UNSI के विश्लेषण के मुताबिक, रूस के कई बेशकीमती जहाज यूक्रेनी मिसाइलों की पहुंच से बाहर हैं लेकिन उन पर समुद्री हमले का खतरा तो है.
यह पहली बार नहीं है जब डॉल्फिनों को मिलिट्री ऑपरेशनों में इस्तेमाल किया गया हो. शीत युद्ध के दौरान, सोवितय संघ और अमेरिका ने डॉल्फिनों को दुश्मनों और माइनों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया था. 1991 में सोवियत संघ टूटने के बाद डॉल्फिन कार्यक्रम यूक्रेन के हिस्से में चला गया. हालांकि क्रीमिया को अलग करते वक्त डॉल्फिन कार्यक्रम फिर से रूसी नियंत्रण में आ गया.
इससे पहले, दोनों देशों के बीच एक लीज एग्रीमेंट था, जिसके तहत यूक्रेन और रूस रणनीतिक अड्डा साझा करते थे. लेकिन फिर रूस ने कहा कि यह शर्त लागू नहीं रह सकती क्योंकि क्रीमिया पर कब्जे के साथ ही यह इलाका रूस का हिस्सा बन गया.
इसके अलावा भी कई जानवरों को युद्धों में या जासूसी मिशनों में इस्तेमाल किया जाता रहा है. कंबोडिया में चूहों को लैंडमाइनों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता था. पहले विश्वयुद्ध के दौरान जरूरी संदेश भेजने के लिए कबूतरों का इस्तेमाल किया जाता था.
रिपोर्ट- लुईसा राइट