'ताले और चाबी' जैसा है शुक्राणु और अंडाणु का रिश्ता
एक शुक्राणु और एक अंडाणु, दोनों मिलकर एकरूप कैसे होते हैं? यह सवाल एक पहेली थी, जिसका जवाब ऑस्ट्रिया के वैज्ञानिकों ने खोज लिया है. इंसान हों या बड़े जानवर कि मछली, सब में यह प्रक्रिया ताले और चाबी की तरह काम करती है.
इंसान और जानवर, सबमें एक सी प्रक्रिया
ऑस्ट्रिया के वैज्ञानिकों ने एक शोध के आधार पर बताया है कि शुक्राणु और अंडाणु के मिलने की प्रक्रिया इंसानों और जानवरों में एक जैसी है. शोध के लिए इंसानों के अलावा जानवरों के शुक्राणुओं का भी अध्ययन किया गया. इसके लिए जेब्राफिश, चूहों और मानव कोशिकाओं का इस्तेमाल किया गया.
कैसे खुलता है 'ताला'
शोधकर्ताओं ने पाया कि शुक्राणु और अंडाणु के मिलन के दौरान स्पर्म पर मौजूद तीन प्रोटीन मिलकर एक तरह की चाबी बनाते हैं, जो अंडे को खोलकर उसके अंदर पहुंच जाते हैं. इससे पहले इस प्रक्रिया की जानकारी नहीं थी.
क्या नई बात पता चली
इस शोध से पहले केवल दो ही तरह के प्रोटीन की जानकारी थी. पहला प्रोटीन शुक्राणु की सतह पर और दूसरा अंडाणु की झिल्ली पर मौजूद था. ताजा शोध के बाद शुक्राणु पर तीन तरह के प्रोटीन मौजूद होने की जानकारी मिली है.
गूगल ने की मदद
नए प्रोटीन की पहचान के लिए शोधकर्ताओं ने गूगल डीपमाइंड के एआई टूल 'अल्फाफोल्ड' का प्रयोग किया. उन्होंने यह भी दिखाया कि एआई जिंदा चीजों पर कैसे काम करता है. इसका इजाद करने वालों को इसी महीने नोबेल पुरस्कार मिल चुका है.
अभी और शोध की जरूरत
वैज्ञानिकों ने फिलहाल यह तो पता लगा लिया है कि शुक्राणु पर तीन तरह के प्रोटीन मौजूद हैं, लेकिन वे अभी यह पता नहीं लगा पाए हैं कि अंडाणु से जुड़ने के बाद स्पर्म उसके अंदर कैसे पहुंचता है. ऐसा दावा है कि ये जानकारी बड़े काम आ सकती है.
संभव होंगे कई इलाज
रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर पैथोलॉजी की एक विशेषज्ञ एंड्रिया पाउली कहती हैं कि इस तरह की जानकारी हमें बच्चा न होने जैसी समस्याओं को बेहतर ढंग से समझने और पुरुष गर्भनिरोध के नए उपाय ढूंढ़ने में मदद कर सकती है.
दुनिया में आने का सफर
पुरुष इजैक्यूलेशन के दौरान 5 से 15 करोड़ शुक्राणु पैदा करते हैं. गर्भधारण के लिए मात्र एक शुक्राणु को महिला के अंडाणु के साथ निषेचन करने की जरूरत होती है. जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तब गर्भधारण होता है. एयू/एसएम (एपी)