कैसे पता चलता है कि मंदी आने वाली है
दुनियाभर में मंदी आने की आशंकाएं जताई जा रही हैं. अमेरिका में अगले 12 महीनों में मंदी आने की संभावना 50 प्रतिशत बताई गई है. कई अर्थशास्त्री चेतावनी दे रहे हैं कि मंदी आने वाली है. जानिए, क्या होते हैं मंदी के संकेत.
कौन बताता है कि मंदी आ गई?
हर देश में मंदी के आधिकारिक ऐलान की प्रक्रिया अलग हो सकती है. जैसे कि अमेरिका में नेशनल ब्यूरो ऑफ इकनॉमिक रिसर्च नामक अर्थशास्त्रियों का समूह है जिसकी बिजनस साइकल डेटिंग कमेटी यह फैसला करती है कि आर्थिक गतिविधियों में मंदी कहे जाने लायक कमी हुई है या नहीं.
दो लगातार तिमाही नेगेटिव हों तो...
यह एक जाना-माना नियम है कि अगर दो लगातार तिमाही जीडीपी विकास दस नकारात्मक रहे तो उस स्थिति को मंदी कहा जाता है. लेकिन यह कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है. फिर भी, अमेरिका में पिछले दस बार जब ऐसा हुआ कि दो तिमाही लगातार ग्रोथ नेगेटिव रही, तो मंदी आई थी.
सबसे बड़ा संकेत
अर्थशास्त्री मानते हैं कि मंदी का सबसे बड़ा संकेत बेरोजगारी में वृद्धि और लोगों की नौकरियों का जाना होता है. अगर छंटनी में लगातार वृद्धि होने लगे तो उसे मंदी का बड़ा संकेत माना जाता है.
निवेश में कमी
ऑस्ट्रेलिया के केंद्रीय बैंक के मुताबिक मंदी के दो अन्य बड़े संकेत है घरेलू खर्च में कमी और उद्योगों द्वारा निवेश में कटौती. इसके अलावा कितने बिजनस बंद हो रहे हैं, यह भी मंदी का एक बड़ा संकेत हो सकता है.
प्रॉपर्टी बाजार में मंदी
अक्सर प्रॉपर्टी बाजार में तेजी या कमी को भी मंदी के एक संकेत के रूप में देखा जाता है. अगर घरों की खरीद-बेच में भारी कमी आई हो, या बड़ी संख्या में सौदे रद्द होने लगें तो विशेषज्ञ उसे मंदी का संकेत मानते हैं.