स्विट्जरलैंड में क्लाइमेट बिल की जीत
१९ जून २०२३लंबे समय से स्विट्जरलैंड के पिघलते ग्लेशियरों को देख रहे स्विस ग्लेशियर विज्ञानी, माथियाज हुस ने नतीजों पर खुशी जताते हुए ट्वीट किया, "जलवायु विज्ञान के तर्कों को सुना गया, यह बहुत ही खुशी की बात है." हुस ने कहा कि यह नतीजा नेताओं के लिए एक स्पष्ट संदेश है.
क्या स्विस आल्प्स के पिघलते ग्लेशियर बचा पाएगा नया कानून
सोशलिस्ट पार्टी की सांसद वालेरी पिले ने नतीजों को "भावी पीढ़ियों के लिए एक अहम कदम" करार दिया. जनमत संग्रह की प्रक्रिया के तहत रविवार को लोगों के सामने नया जलवायु बिल रखा गया था. बिल में स्विट्जरलैंड को 27 साल के भीतर यानी 2050 तक कार्बन न्यूट्रल बनाने की मांग की गई. 59.1 प्रतिशत लोगों के समर्थन का अर्थ है कि स्विट्जरलैंड को बड़े स्तर पर तेल और गैस से पीछा छुड़ाना होगा. घरों के निर्माण और ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक ईको फ्रेंडली विकल्प खोजने होंगे.
एक दूसरे जनमत संग्रह में स्विस वोटरों ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर कम से कम 15 फीसदी ग्लोबल टैक्स लगाने का समर्थन भी किया. इस टैक्स के पक्ष में वोट डालने वालों की संख्या 78.5 फीसदी रही.
सत्ताधारी पार्टी का विरोध
स्विट्जरलैंड की सत्ताधारी, स्विस पीपल्स पार्टी (एसवीपी) जलवायु बिल का विरोध करने वाली अकेली पार्टी थी. दक्षिणपंथी एसवीपी, बिजली की किल्लत और आर्थिक परेशानियों का हवाला देकर जलवायु बिल का विरोध कर रही थी. एसवीपी ने बिल को "इलेक्ट्रिसिटी वेस्ट लॉ" बताया. एसवीपी के मुताबिक 27 साल के भीतर कार्बन न्यूट्रल होने का मतलब है कि देश के सामने ऊर्जा संकट खड़ा होगा और बिजली का बिल आसमान छूने लगेगा.
बिल का समर्थन करने वालों के मुताबिक, "जलवायु परिवर्तन के नतीजों से निपटने और ऊर्जा सुरक्षा व आजादी की रक्षा करने के लिए" क्लाइमेट बिल की जरूरत है. स्विट्जरलैंड आल्प्स पहाड़ों की गोद में बसा है.
रविवार के नतीजों पर निराशा जाहिर करते हुए एसवीपी के कैंपेन चीफ मिषाएल ग्राबर ने स्विस अखबार 20 मिनट्स से कहा, इस प्रस्ताव को बिल में शामिल करने की प्रक्रिया बाद में पेश की जाएगी. पार्टी के एक अन्य नेताओं ने इसे स्विस राजस्व के लिए "एक बड़ी नाकामी" बताया.
स्विट्जरलैंड की कमजोर नस
आर्थिक और तकनीकी रूप से संपन्न स्विट्जरलैंड के लिए ऊर्जा हमेशा से एक कमजोरी रही है. देश दो तिहाई ऊर्जा विदेशों से खरीदता है. पेट्रोलियम तेल और गैस के लिए वह पूरी तरह आयात पर निर्भर है. यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद स्विट्जरलैंड में विदेशी ऊर्जा पर निर्भरता का मुद्दा केंद्र में आ गया. जलवायु कार्यकर्ताओं ने पहले 2050 तक तेल और गैस की खपत पर पूरी तरह बैन लगाने की मांग की. लेकिन सरकार ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया. इसके बदले प्रस्ताव दिया गया कि गैस और तेल से चलने वाले हीटिंग सिस्टम को ईको फ्रेंडली विकल्पों से बदलने के लिए 2.2 अरब डॉलर की वित्तीय मदद दी जाएगी. स्वच्छ ऊर्जा अपनाने में कारोबारों की भी सहायता की जाएगी.
क्लाइमेट बिल पर हुई वोटिंग ने शहरी और ग्रामीण इलाकों के अंतर को भी सामने रखा. 26 में से 7 मंडलों ने बिल के विरोध में वोट डाला. बिल का विरोध करने वालों ने कहा पवचक्कियां प्राकृतिक सुंदरता को खराब करती हैं. कुछ ने जीवाश्म ईंधन को परिवहन सुरक्षा के लिए जरूरी बताया. वहीं जिनेवा जैसे शहर में करीब 75 फीसदी लोगों ने बिल का समर्थन किया.
ओएसजे/एसबी (एएफपी, डीपीए)