यूक्रेन की जंग ने जानवरों को भी नहीं छोड़ा
यूक्रेन की जंग में वहां के पालतू जानवरों ने भारी कीमत चुकाई है. कुछ की जान गई तो किसी का मालिक मर गया और कोई खाना ढूंढने के लिए मलबों की खाक छान रहा है. इन बेजुबानों को समझ से परे है कि अचानक इंसानों को क्या हो गया?
कुत्ते का ख्याल रखने के लिए रुके मगर खुद को नहीं बचा पाए
ये पालतू कुत्ता अपने साथी कुत्ते को सूंघ रहा है, जिसकी मौत हो चुकी है. इस तस्वीर के पीछे एक और दर्दनाक कहानी छिपी है. पास के ही बाग में सेरही और उनके रिश्तेदार रोमन की लाश पड़ी है. दोनों के ही सिर में गोली मारी गई है. पास ही एक अनजान नागरिक की लाश भी है. पड़ोसियों ने बताया कि सेरही अपने कुत्ते का ख्याल रखने के लिए बूचा में ही रुक गए थे.
पालतू जानवर भी बने गोलियों का निशाना
बूचा जैसे इलाकों में सिर्फ इंसानों की ही हत्या नहीं हुई. यहां पर बड़ी संख्या में पालतू जानवरों की लाशें भी सड़कों पर पड़ी हुई हैं.
बेजुबानों की सुध कौन ले
इन बेजुबानों को पता भी नहीं था कि क्यों अचानक उन्हें और उनके आसपास के इंसानों को गोलियां मारी जाने लगीं. ऐसे कई लोग युद्ध में मार दिए गए हैं और उनके जानवर लावारिस बनकर खाने-पानी की तलाश में भटक रहे हैं.
तबाही के बीच भोजन की फिक्र
यूक्रेन में जब इंसानों की जान का ठिकाना नहीं तो जानवरों की फिक्र कौन करता, जब इंसानों के लिए खाने के लाले पड़े हैं तो जानवरों को खाना कौन खिलाए. ऐसे में बहुत से लोगों ने अपने जानवर छोड़ भी दिए हैं.
जानवरों को भी मारी गोली
कीव के पास के एक गांव बोरोदयांका में इस कुत्ते को एक रूसी सैनिक ने गोली मार दी, इसका खून अब तक बह रहा है.
सर पर लटक रही है तलवार
चिड़ियाघर का कहना है कि इन जानवरों के बाड़े अभी सुरक्षित हैं लेकिन और नुकसान हुआ तो भी बचे रहेंगे, कहना मुश्किल है. ऐसे में अगर इन जानवरों को सुरक्षित जगहों पर नहीं ले जाया जा सका तो इनका अंत करना ही एकमात्र विकल्प होगा.
जीना मरना संग संग
बहुत से शरणार्थी अपने साथ पालतू जानवरों को अपने साथ ले कर गए हैं. हालांकि सारे लोग और जानवर इतने खुशनसीब नहीं थी.
बड़े शिकारी जानवरों की समस्या और बड़ी
ऐसे में बड़े शिकारी जानवरों को भारी समस्या हो रही है. मसलन शेर, बाघ और भालू, जो इंसानों के लिए खतरा बन सकते है, वो कहीं बाहर निकलकर लोगों को निशाना न बनाने लगें.
मानवता जिंदा है
लेकिन मानवता का कोई अंत नहीं. इस त्रासदी के बीच भी वालंटियर ओलेक्सांद्रा सेफ्रूलियाक जैसे लोग कीव के इरपिन इलाके में बचाए गए जानवरों को ले जाकर कीव के एनिमल शेल्टर में रख रहे हैं.