कैलिफोर्निया में जंगल की आग बुझाने वाली गुलाबी चीज क्या है?
अमेरिका के कैलिफोर्निया में लगी आग ने जान और माल को काफी नुकसान पहुंचाया है. आग को बुझाने के लिए सरकार पिंक फायर रेटार्डेंट का इस्तेमाल कर रही है. इस पर कई पर्यावरणविद आपत्ति जता रहे हैं.
क्या होता है पिंक फायर रेटार्डेंट?
फायर रेटार्डेंट अग्निरोधी रसायनों का मिश्रण है जिसका इस्तेमाल आग को बुझाने या उसे फैलने से रोकने के लिए किया जाता है. अग्निरोधी रसायन अलग अलग प्रकार के होते हैं. अमेरिका में जंगल की आग से निपटने के लिए, अधिकारी आमतौर पर फॉस-चेक का उपयोग करते हैं, जिसमें ज्यादातर अमोनियम फॉस्फेट-आधारित घोल होता है
कैसे काम करता है फॉस-चेक?
आमतौर पर, यह अमोनियम पॉलीफॉस्फेट जैसे साल्ट से बना होता है, जो पानी की तरह आसानी से भाप में तब्दील नहीं होता है और लंबे समय तक रहता है. आग के दौरान पेड़-पौधे पर इसका छिड़काव होता है. इसकी परत पेड़ों पर चढ़ जाती जिससे ऑक्सीजन की सप्लाई कट जाती है और ऐसे पेड़ नहीं जलते.
गुलाबी क्यों है यह स्प्रे?
रंग आमतौर पर इसमें अलग से मिलाया जाता है ताकि दमकलकर्मी इसे साफ तौर पर देख सकें. इससे उन्हें फायर रेटार्डेंट के चारों ओर अग्नि रेखाएं बनाने में मदद मिलती है, जिससे जान और माल दोनों को ही आग से नुकसान कम होता है. खास गुलाबी रंग इसलिए इस्तेमाल होता है क्योंकि वो देखने में सुंदर लगता है.
नदियों और जंगलों के प्रदूषण पर असर
पर्यावरणविदों का मानना है कि विमानों से इस स्प्रे को फेंकना आग पर बेअसर और महंगा है. इसके साथ ही इससे पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ता है. यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया में 2024 में हुए एक शोध में बताया गया था कि फॉस-चेक में जहरीले धातु मौजूद हैं और 2009 से अब तक इस स्प्रे की वजह से पर्यावरण में लगभग 4 लाख किलो केमिकल जा चुका है.
स्प्रे में कैंसर पैदा करने वाले धातु भी शामिल
स्प्रे में मौजूद जहरीले धातुओं में क्रोमियम और कैडमियम शामिल हैं जो इंसानों में कैंसर के साथ ही किडनी और लीवर की बीमारियों का कारण बन सकते हैं. हालांकि, असल मुद्दा यहां पर्यावरण पर इसका असर है, खासकर जब यह धातु पानी में मिल जाते हैं. मिसाल के तौर पर, यह पदार्थ पानी में जानवर और पेड़ पौधों को नष्ट कर सकते हैं.
कितना कारग है स्प्रे?
फॉस-चेक कितना प्रभावशाली है इस पर अब भी मतभेद है. यह आग बुझाने में इस्तेमाल होने वाले कई तरीकों में से एक है. आग की लपटें बुझ जाने के बाद पता नहीं चलता कि आग असल में किस कारण से बुझी. न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार वन वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया है कि हवा संबंधित तरीके कितने कारगर होंगे यह उस जगह की ढलान, ईंधन का प्रकार, इलाके और मौसम जैसी पर्यावरणीय स्थितियों पर निर्भर है.
आंकड़े क्या कहते हैं?
आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका में 2009 और 2021 के बीच संघीय, सरकारी और निजी भूमि पर 44 करोड़ गैलन से अधिक रिटार्डेंट छिड़का गया था. एनवाईटी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस आंकड़े का उपयोग करते हुए यूएससी अध्ययन ने अनुमान लगाया कि 2009 और 2021 के बीच, 400 टन से अधिक भारी धातुओं को पर्यावरण में छिड़का गया.
पर्यावरणविदों की सरकार और कंपनी से बहस जारी
इन चिंताओं ने पर्यावरण विशेषज्ञों, सरकार और केमिकल बनाने वाली कंपनी पेरीमीटर सॉल्यूशंस के बीच बहस छेड़ दी है. लेकिन जैसे-जैसे वैश्विक तापमान बढ़ रहा है, जंगल की आग के हादसे और भी अधिक और बढ़ने की आशंका है. इससे केवल हवा में छिड़काव वाले अग्निरोधी उपायों का इस्तेमाल बढ़ेगा ही.