क्या है संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना, जिसके सबसे ज्यादा सैनिक दक्षिण एशिया से हैं
शांति मिशनों में जान गंवाने वाले कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 29 मई को संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है. 2022 की थीम है- "लोग. शांति. प्रगति. साझेदारियों की ताकत."
क्या है संयुक्त राष्ट्र शांति सेना
शांति सेना संयुक्त राष्ट्र का एक संगठन है जिसे हिंसाग्रस्त देशों में शांति बहाल करने के लिए तैनात किया जाता है. इसमें सैन्य, पुलिस और आम नागरिक शामिल होते हैं. यह उन इलाकों में तैनात किए जाते हैं जहां कोई अन्य देश या संस्था जा नहीं पाती या फिर जा नहीं सकती. 29 मई 1948 को इस्राएल-अरब शांति के लिए पहला मिशन शुरू करने के बाद से अब तक 72 मिशनों में शांति सैनिकों की तैनाती हो चुकी है.
कहां तैनात हैं शांति सैनिक
2022 में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के तीन महाद्वीपों में 12 मिशन चल रहे हैं. यह इलाके हैं- पश्चिमी सहारा, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, माली, डी.आर. कांगो, गोलान (इस्राएल), साइप्रस, लेबनान, सूडान-दक्षिण सुडान सीमा, कोसोवो, दक्षिण सूडान, जम्मू-कश्मीर (भारत और पाकिस्तान) और मध्य-पूर्व एशिया. इस्राएल-अरब शांति के लिए 1948 में चलाया गया मध्य-पूर्व एशिया मिशन शांति सेना का पहला मिशन था, जो आज भी जारी है.
किन देशों से आते हैं शांति सैनिक
शांति सेना में इस वक्त संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के करीब 87,000 कर्मी (सैनिक, पुलिस, नागरिक) सेवाएं दे रहे हैं. इनमें सबसे बड़ा हिस्सा दक्षिण एशियाई देशों का है. बांग्लादेश (6,709) नेपाल (5,706) और भारत (5,581) पहले तीन स्थानों पर हैं. पांचवें स्थान पर मौजूद पाकिस्तान(4,123) समेत भूटान(27) और श्रीलंका(565) के कर्मी भी शांति सेना का हिस्सा हैं. आज तक दुनियाभर के 10 लाख लोग शांति सैनिक रहे हैं.
शांति सेना का खर्च
शांति सेना का खर्च संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों की साझा जिम्मेदारी होती है. हालांकि शांति सेना से जुड़े मामले, देखरेख और शांति मिशनों को बढ़ाने के फैसले सुरक्षा परिषद लेती है. 2021-2022 में शांति सेना का बजट 6.38 अरब डॉलर था. दुनिया के कुल रक्षा बजट (1981 अरब डॉलर) से तुलना करें तो यह मात्र आधा प्रतिशत है. इसमें सबसे ज्यादा योगदान देने वाले पहले तीन देश हैं- अमेरिका, चीन और जापान.
शांति मिशनों में अब तक गई जानें
1948 से आज तक 72 शांति मिशनों में 4197 शांति सैनिकों की जान जा चुकी है. इन शांति मिशनों में भारत के भी 175 कर्मियों की मौत हुई है. यह अप्रत्याशित हो सकता है लेकिन शांति मिशनों में ज्यादा मौतें बीमारियों की वजह से हुई हैं. इसके बाद दुर्घटनाओं और हमलों की वजह से हुई मौतों की बारी आती है. 2021 भी शांति सेना के लिए बुरा था. इस साल 135 शांति सैनिकों की जान गई.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दी श्रद्धांजलि
शांति सेना के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए यूएन महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने कहा कि "शांति को कभी हल्के में नहीं लिया जा सकता. हम 87,000 कर्मियों के शुक्रगुजार हैं जो संयुक्त राष्ट्र के झंडे तले काम कर रहे हैं. बढ़ती हिंसा ने उनका काम और मुश्किल कर दिया है. उन्होंने दोहराया, "इस साल हम साझदारियों की ताकत पर ध्यान दे रहे हैं ताकि बातचीत से समस्याएं सुलझाई जा सकें और अहिंसा की संस्कृति फले-फूले."