2023 में किस क्षेत्र ने किया सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस उत्सर्जन
संयुक्त राष्ट्र की उत्सर्न गैप रिपोर्ट 2024 के मुताबिक पिछले साल कार्बन उत्सर्जन अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. देखिए, किस क्षेत्र ने कितना उत्सर्जन किया.
कुल उत्सर्जन बढ़ा
ताजा यूएन एमिशंस गैप रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन 57.1 गीगाटन तक पहुंच गया. यह 2022 से 1.3 फीसदी ज्यादा है.
ऊर्जा क्षेत्र सबसे ऊपर
उत्सर्जन में सबसे बड़ा योगदान ऊर्जा क्षेत्र का था, जिसने कुल 26 फीसदी ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन किया. बिजली उत्पादन के लिए कोयला, तेल, और गैस का उपयोग होता है, जिससे सबसे अधिक ग्रीनहाउस गैसें उत्सर्जित होती हैं.
परिवहन क्षेत्र
ग्रीन हाउस गैसों में 15 फीसदी हिस्सा परिवहन क्षेत्र का था. यह दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा है. इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ने के बावजूद परिवहन क्षेत्र से उत्सर्जन कम नहीं हुआ है. वाहनों, जहाजों, और हवाई जहाजों में जीवाश्म ईंधन जलाने से बड़ी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन होता है.
उद्योग क्षेत्र
11 फीसदी ग्रीन हाउस गैसें उद्योग क्षेत्र से निकलीं. भारी उद्योग जैसे स्टील और सीमेंट उत्पादन में ऊर्जा की अधिक खपत होती है, जिससे बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है. इसके अलावा औद्योगिक प्रक्रियाओं से 9 फीसदी उत्सर्जन हुआ.
ईंधन उत्पादन
तेल और गैस का उत्पादन और प्रसंस्करण भी बड़े पैमाने पर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का कारण है. 2023 में हुए कुल उत्सर्जन में से 10 फीसदी इसी कारण हुआ.
कृषि
कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियां भी बड़े पैमाने पर उत्सर्जन का कारण बनी हैं. फसल उगाने और पशुपालन से मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं. 2023 में इनका हिस्सा 11 फीसदी था. जंगलों की कटाई और भूमि परिवर्तन जैसी गतिविधियों से 7 फीसदी उत्सर्जन हुआ.
इमारतें
इमारतों को ठंडा या गर्म रखने के लिए ऊर्जा की खपत होती है, जिससे ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं. 2023 में यह कुल उत्सर्जन का 6 फीसदी था.
कचरा
कचरे के प्रबंधन, विशेष रूप से लैंडफिल्स में, से मीथेन और अन्य ग्रीनहाउस गैसें उत्पन्न होती हैं. 2023 में इस क्षेत्र का हिस्सा 4 फीसदी था.