क्या पुतिन को विलेन बना गए नवाल्नी?
३ फ़रवरी २०२१दो फरवरी 2021 को मॉस्को की एक अदालत ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुके अलेक्सी नवाल्नी को साढ़े तीन साल कैद सजा सुनाई. कोर्ट ने उन्हें 2014 के एक मामले में पैरोल के नियम तोड़ने का दोषी करार दिया. नवाल्नी पहले ही कुछ समय हाउस अरेस्ट में काट चुके हैं. लिहाजा मंगलवार को सुनाई गई सजा दो साल आठ महीने की होगी.
सुनवाई के दौरान नवाल्नी ने कोर्ट में कहा कि "मैंने जिंदा बचकर उन्हें (पुतिन को) गंभीर रूप से नाराज किया है." आगे नवाल्नी ने कहा, "और इसके बाद भी मैंने एक बहुत ही गंभीर अपराध किया: मैं न तो भागा और ना ही छुपा."
पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन
नवाल्नी को जिस वक्त सजा सुनाई जा रही थी, उस समय अदालत के बाहर बड़ी संख्या में पुतिन विरोधी प्रदर्शन भी हो रहे थे. रूसी प्रशासन ने कई शहरों में नवाल्नी का समर्थन कर रहे 1,400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया. सबसे ज्यादा प्रदर्शनकारी मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग शहर में गिरफ्तार किए गए हैं. रूस में बीते दो हफ्ते से नवाल्नी की अपील के बाद प्रदर्शन हो रहे हैं. इन रैलियों में हिस्सा लेने वाले 50 फीसदी लोग ऐसे हैं जो पहली बार प्रदर्शन कर रहे हैं. नागरिक अधिकारों की निगरानी करने वाले पर्यवेक्षकों के मुताबिक बीते दो हफ्तों में 10 हजार से ज्यादा लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं.
जेल जाने से पहले नवाल्नी कांच के दरवाजे में जमी भाप पर दिल का आकार बनाया. उनका ये संदेश अपनी पत्नी और समर्थकों के लिए था.
नवाल्नी के पीछे क्यों पड़े हैं पुतिन
44 साल के अलेक्सी नवाल्नी लंबे समय में पुतिन के आलोचक रहे हैं. नवाल्नी बीते एक दशक से अपने यूट्यूब चैनल के जरिए रूसी सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खोलने का दावा करते हैं. वह रूस के पूर्व राष्ट्रपति और पुतिन के करीबी सहयोगी दिमित्री मेद्वेद्वेव की इटली में अकूत संपत्ति पर वीडियो बना चुके हैं. पुतिन को भी वह भ्रष्टाचार में डूबा तानाशाह कहते हैं. नवाल्नी के मुताबिक पुतिन दुनिया के सबसे अमीर लोगों में आते हैं. उनकी संपत्ति 200 अरब डॉलर से ज्यादा है. नवाल्नी काले सागर के पास स्थित एक विला पर वीडियो रिलीज कर चुके हैं. नवाल्नी का आरोप है कि एक अरब डॉलर का ये विला व्लादिमीर पुतिन का है. इंटरनेट के जरिए पुतिन सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले नवाल्नी राजनीतिक तौर पर भी पुतिन को चुनौती देते रहते हैं.
नवाल्नी को जान से मारने की कोशिश
अगस्त 2020 में साइबेरिया से मॉस्को की फ्लाइट में नवाल्नी बुरी तरह बीमार हो गए. उन्हें उल्टियां होने लगी और उड़ान के दौरान ही वह बेहोश हो गए. विमान को इमरजेंसी में रूस के ओम्स्क में उतारना पड़ा. इसके बाद बढ़ते दबाव के कारण रूस को नवाल्नी को इलाज के लिए जर्मन राजधानी बर्लिन भेजना पड़ा.
बर्लिन के शारिटे अस्पताल में इलाज के दौरान जर्मनी और फ्रांस ने दावा किया कि नवाल्नी को तंत्रिकाओं पर हमला करने वाला जहर नोविचोक दिया गया था. नवाल्नी का आरोप है कि यह हमला पुतिन के इशारे पर हुआ. नवाल्नी का दावा है कि हमले में शामिल खुफिया सर्विस के एजेंट ने खुद यह बात स्वीकार की है. व्लादिमीर पुतिन इन आरोपों से इनकार करते हैं.
कई महीने चले इलाज के बाद 17 जनवरी को नवाल्नी वापस मॉस्को लौटे. लेकिन कुछ ही देर में उन्हें हिरासत में लिया गया और अगले दिन 30 दिन के लिए जेल भेज दिया गया.
नवाल्नी के असर को खत्म करने की कोशिश
नवाल्नी के समर्थन में रूस के कई शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं. विश्लेषकों का कहना है कि इन प्रदर्शनों को ठंडा करने के लिए ही नवाल्नी को सजा दी गई है. लंबे समय बाद यह पहला मौका है जब बड़ी संख्या में प्रदर्शनों से दूर रहने वाले आम रूसी भी नवाल्नी के समर्थन में सड़कों पर उतर रहे हैं. पुतिन और उनकी सरकार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप लोगों की जबान पर हैं.
रूस में सोशल मीडिया पर नवाल्नी के वो आरोप शेयर हो रहे हैं, जिनमें वह पुतिन को "बंकर में छुपा एक छोटा कद का चोर" कह रहे हैं. जेल जाने से पहले नवाल्नी कह चुके हैं कि "ये ऐसे ही काम करता है- एक आदमी को कैद कर दीजिए ताकि लाखों लोगों को डराया जा सके."
पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया और दुविधा
अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन नवाल्नी की सजा की आलोचना कर रहे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने नवाल्नी की सजा पर गहरी चिंता जताते हुए रूस से उन्हें तुरंत रिहा करने की मांग की है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने एक बयान जारी कर कहा है, "राजनीतिक असहमति कभी अपराध नहीं होती है." माक्रों ने भी मॉस्को से नवाल्नी को तुरंत रिहा करने की अपील की है.
जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने रूसी अदालत के फैसले को "रूस में बुनियादी आजादी और कानून के शासन पर कड़ी चोट बताया है."
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने भी कड़े शब्दों ने रूस की आलोचना की है.
नवाल्नी को सजा देने के बाद जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका पर रूस के खिलाफ कड़े कदम उठाने का दबाव पड़ रहा है. जर्मनी की स्थिति खासी मुश्किल है. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल पर रूस से यूरोप तक आने वाली गैस पाइपलाइन नॉर्ड स्ट्रीम 2 के निर्माण पर रोक लगाने का दबाव पड़ रहा है. हालांकि फ्रांस का कहना है कि वह गैस पाइपलाइन के मुद्दे पर दखल नहीं देगा.
ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स, डीपीए, एएफपी)
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