ये हैं 2022 के सबसे बड़े खतरे
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम ने 2022 में दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों पर अपनी सालाना रिपोर्ट ‘ग्लोबल रिस्क्स रिपोर्ट 2022’ जारी की है. इसमें बताए गए सबसे बड़े खतरे कौन से हैं, जानिए...
भारत के निराश युवा
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के मुताबिक भारत के लिए सबसे बड़े खतरों में मतिभ्रम से जूझ रहे युवा भी हैं. इसके अलावा राज्यों के खराब होते आपसी रिश्ते, तकनीक आधारित प्रशासन की विफलता, बढ़ता कर्ज और डिजिटल असमानता भारत के सामने सबसे बड़े खतरे हैं.
सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय खतरे
इस रिपोर्ट में दुनिया के लिए जो सबसे बड़े खतरे बताए गए हैं, वे हैं पर्यावरण का संकट, बढ़ती सामाजिक असमानता, साइबर असुरक्षा और कोविड से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों का असमान उबार.
पर्यावरण का संकट
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सामने जो दस सबसे बड़े खतरे हैं उनमें से छह तो जलवायु परिवर्तन से ही जुड़े हैं. उत्सर्जन को कम करने वाली तकनीक का इस्तेमाल ना कर पाने का दुनिया को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
बढ़ती असमानता
रिपोर्ट कहती है कि दुनिया की समरसता खतरे में हैं क्योंकि गैरबराबरी बढ़ रही है. आय में असमानता और वैक्सीन तक पहुंच में इतनी अधिक गैरबराबरी है कि एक हिस्सा दूसरे से बहुत ज्यादा पीछे है.
विस्थापन
लोगों के लिए ना चाहते हुए भी प्रवासन के लिए मजबूर होना एक बड़ा खतरा माना गया है. यह भी पर्यावरण परिवर्तन से जुड़ा है जो लोगों को अपनी बसी-बसाई जिंदगी छोड़ दूसरी जगह जाने पर मजबूर कर रहा है.
बढ़ता कर्ज
कोरोनावायरस महामारी ने पूरी दुनिया में ही उद्योग-धंधों को प्रभावित किया है. इस कारण महंगाई और कर्ज बढ़ा है जो एक बड़े खतरे के रूप में सामने आया है क्योंकि इससे लौटना मुश्किल होता जा रहा है.