अंतरिक्ष के बाद अब समुद्र की गहराई तक अभियान
६ अप्रैल २०११इस साल के दूसरे हिस्से में एक सीट वाली यह पनडुब्बी प्रशांत महासागर के पश्चिम में समुद्र की सबसे अधिक गहराई में अपना अभियान शुरू करेगी. ब्रैनसन का कहना है, इंसान काफी पहले अंतरिक्ष तक पहुंच चुका है, वहां तक की व्यवसायिक उड़ानें भी होने वाली हैं, अब आखिरी चुनौती समुद्र की गहराई की खोज है.
जूल वर्न की पुस्तक ट्वेंटी थाउजैंड लीग्स अंडर द सी की तर्ज पर अपनी परियोजना पेश करते हुए रिचर्ड ब्रैनसन ने लॉस एंजेलेस के पास न्यूपोर्ट हार्बर में कहा कि समुद्र की 20 हजार फीट की गहराई की तुलना में कहीं अधिक इंसान चांद पर कदम रख चुके हैं.
दो साल की अवधि में स्पेस शटल की डिजाइन पर बनाई गई इस पनडुब्बी की पांच यात्राएं होंगी. ब्रैनसन के अलावा इसके पाइलट होंगे अमेरिका के क्रिस वेल्श. वे प्रशांत महासागर के मारियाना ट्रेंच में 11,033 मीटर की गहराई तक पहली यात्रा करेंगे. अटलांटिक महासागर के पुएर्तो रिको ट्रेंच में 8,605 मीटर की गहराई तक दूसरे अभियान के पाइलट ब्रैनसन खुद होंगे.
इन यात्राओं के दौरान पनडुब्बी को वायुमंडल से एक हजार गुना तक अधिक दबाव सहना पड़ेगा. इसकी खातिर पनडुब्बी को कार्बन फाइबर और टाइटैनियम से बनाया गया है. ब्रैनसन ने कहा कि यह अत्यंत जोखिम से भरा एक अभियान है. यह चांद के अंधेरे हिस्से की यात्रा के समान है.
ब्रैनसन ने कहा कि यह एक गंभीर वैज्ञानिक परियोजना है और स्क्रिप्स इंस्टिट्यूशन ऑफ ओसियानोग्राफी इसमें वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में भाग ले रहा है.
60 साल के ब्रैनसन ने कहा कि सफल होने पर इस अभियान से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के आठ रिकॉर्ड टूटेंगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: ओ सिंह