अंशु जैन होंगे मई 2012 से डॉयचे बैंक के प्रमुख
२६ जुलाई २०११48 साल के अंशु जैन और 62 साल के युर्गन फिट्शन को स्विट्जरलैंड के जोसेफ आकरमान के बाद चेयरमैन बनाया जा रहा है. आकरमान सुपरवाइजरी बोर्ड के अध्यक्ष बनाए जाएंगे.
भारतीय जैन
अंशु जैन पश्चिमी भारत के हैं और फिलहाल डॉयचे बैंक के सबसे अहम विभाग कॉर्पोरेट और निवेश बैंकिंग के प्रमुख हैं. निवेश बैंकिग से जर्मन बैंक को भारी फायदा हुआ है. डॉयचे बैंक में आने से पहले अंशु जैन न्यूयॉर्क के मेरिल लिंच में काम करते थे. फिलहाल वह 1995 से लंदन में काम कर रहे हैं. उन्हें 2008-09 के वित्तीय संकट के दौरान अच्छा माना गया, वह अपनी ईकाई को तेजी से लाभ में ले आए.
क्रिकेट के दीवाने बैंकर लंदन की टीम के कप्तान हैं और लंबे समय से आकरमान उन्हें अपनी विरासत संभालने के लिए तैयार कर रहे थे. जर्मन बैंक डॉयचे बैंक के आधे से ज्यादा यानी करीब एक लाख कर्मचारी जर्मनी से बाहर काम करते हैं. आकरमान ने कहा, "सुपरवाइजरी बोर्ड के फैसले का मैं पूरी तरह से समर्थन करता हूं."
आलोचना
141 साल पुराने डॉयचे बैंक के अधिकतर चेयरमैन जर्मन राजनीति और उद्योग जगत से जुड़े संभ्रात लोग रहे हैं. यूरोजोन संकट के दौरान जर्मन बैंकिग उद्योग के लिए आकरमान सबसे अहम संपर्क बन गए क्योंकि वही विश्लेषण लिखते और टीवी पर उपस्थित होते.
डॉयचे बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक अंशु जैन अब ही आकरमान से ज्यादा कमा रहे हैं. वह 2010 में अपनी तनख्वाह और अच्छे प्रदर्शन के कारण मिलने वाले बोनस के साथ सालाना 76 लाख यूरो कमा रहे थे, जबकि उनके बॉस की आय 63 लाख यूरो थी.
जैन के साथी बैंकरों का कहना है कि वह बहुत अच्छा विश्लेषण कर सकते हैं और नए वित्तीय उत्पादों की योजना बनाने और मध्यस्थता करने में माहिर हैं. उनके दैनिक जीवन में जैन धर्म के कारण बहुत अनुशासन है.
हालांकि उनके आलोचकों का कहना है कि वह बहुत उपलब्धि के कारण घमंडी और लंदन की निवेश विभाग और पारंपरिक फ्रैंकफर्ट बैंकरों के बीच तनातनी का कारण हैं.
डॉयचे बैंक का कारोबार सिर्फ निवेश बैंकिंग नहीं है बल्कि इसमें निजी और खुदरा गतिविधियां भी हैं. डॉयचे बैंक के सीईओ का पद लेने का मतलब देश के नेताओं और कारोबारियों से बातचीत भी शामिल है. आकरमान ग्रीक कर्ज संकट के दौरान जर्मन सरकार, बैंकों और यूरो जोन के नेताओं के बीच अहम कड़ी बने हुए थे. चूंकि जैन को जर्मन नहीं आती है, इसलिए यह काम सह सीईओ फिट्शन करेंगे.
मेर्क फिंक के बैंकिंग मामलों के विश्लेषक कोनराड बेकर कहते हैं, "फिट्शन में उनकी जरूरतें पूरी करने वाली चीजें मिली हैं. वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो जैन को मदद कर सकते हैं और उन्हें जर्मनी के बारे में पूरी जानकारी दे सकते हैं ताकि वह इनमें अटक न जाएं."
मिस्टर जर्मनी
2005 से युर्गन फिट्शन डॉयचे बैंक के जर्मन विभाग के प्रमुख रहे हैं. वह 2009 से डॉयचे बैंक प्रबंधन बोर्ड के प्रमुख रहे हैं और एशिया और लंदन को देख रहे हैं. फिट्शन को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों तरह का अनुभव है. वह जर्मनी के सबसे बड़े खुदरा मार्केट मेट्रो और ग्लास निर्माता शॉट के सुपरवाइजरी बोर्ड्स में शामिल हैं.
1 सितंबर 1948 को जर्मनी के लोअर सेक्सनी में पैदा हुए फिट्शन अर्थशास्त्री हैं और 1987 से जर्मन बैंक से जुड़े हैं. यहां काम की शुरुआत उन्होंने थाइलैंड से की और फिर जापान और सिंगापुर में रहे. फिट्शन को डॉयचे बैंक का जर्मन चेहरा बताया जा रहा है.
दोनों ही सीईओ ने एक दूसरे की काफी तारीफ की है. फिट्शन का कार्यकाल तीन साल बढ़ाया गया है इसके बाद वह रिटायरमेंट की उम्र में पहुंच जाएंगी.
जर्मन अखबार डी वेल्ट का कहना है कि सह अध्यक्ष इसलिए बनाया गया है ताकि अंशु जैन जर्मन तौर तरीके सीख लें और भाषा भी, ताकि आने वाले समय में वह अकेले अध्यक्ष हो सकें. फिट्शन ने कहा, "जर्मनी और दुनिया में बैंक को सफलता दिलाने के लिए मुझे अंशु से ज्यादा अच्छा साथी नहीं मिल सकता." वहीं अंशु जैन ने कहा, "युर्गन के साथ इस महान संस्था का नेतृत्व दिए जाने पर मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं."
इस साल दूसरे क्वार्टर में डॉयचे बैंक को 1.2 अरब यूरो का फायदा हुआ है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार