अटलांटिक से एयर फ्रांस का मलबा मिला
४ अप्रैल २०११एयर फ्रांस के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि अटलांटिक की गहराइयों से निकाला जा रहा मलबा फ्लाइट एएफ-447 का ही है. फ्रांस के ब्यूरो ऑफ इवेस्टिगेशन एंड एनालिसिस (बीईए) ने एक बयान जारी कर कहा, ''बीईए ने पहचान की है कि टुकड़े एएफ-447 फ्लाइट के हिस्से हैं.''
हालांकि मलबे में ब्लैक बॉक्स नहीं है. ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग का छोटा सा बॉक्स होता है. इनके भीतर दो रिकॉर्डर होते हैं. एक यात्री विमान में एक कॉकपिट वायस रिकॉर्डर और दूसरा फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर होता है. कॉकपिट वायस रिकॉर्डर में हादसे से ठीक पहले पायलटों के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग होती है. फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर में आखिरी 45 मिनटों के दौरान विमान की ऊंचाई, गति, पंखों, रडार का रिकॉर्ड होता है.
बीईए के मुताबिक ज्यादा जानकारी आने वाले दिनों में दी जाएगी. विमान निर्माता कंपनी एयरबस और एयरलाइन कंपनी एयर फ्रांस ने पिछले हफ्ते ही चौथी बार अटलांटिक महासागर में विमान के मलबे की तलाश शुरू की. एयर फ्रांस की यह फ्लाइट एक जून 2009 को ब्राजील के रियो द जेनेरो से पेरिस के लिए निकली. लेकिन विमान डेढ़ घंटे बाद अटलांटिक के ऊपर अचानक रहस्यमय परिस्थितियों में हादसे का शिकार हो गया.
हादसे को लेकर एयर बस और एयर फ्रांस एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं. एयर फ्रांस का कहना है कि विमान के एयर स्पीड सेंसरों में गड़बड़ थी. एयरबस का कहना है कि एयर फ्रांस ने विमान की देख रेख सही ढंग से नहीं की. कुछ विशेषज्ञ यह भी आशंका जताते हैं कि विमान विषुवत रेखा के पास आने वाले भयानक तूफान के चलते हादसे का शिकार हुआ हो सकता है.
लेकिन इन कयासों से दूर फ्रांस की एक अदालत में एयरबस और एयर फ्रांस के खिलाफ नरसंहार का मुकदमा भी दायर किया गया है. इस मुकदमे से बचने के लिए दोनों कंपनियों ने एक बार फिर ब्लैक बॉक्सों की तलाश शुरू कर दी है. एयर फ्रांस और एयरबस अब तक खोजबीन के काम में एक करोड़ यूरो से ज्यादा खर्च कर चुकी हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल