अनाथ हो चुके कस्बे
कभी मोहनजोदाड़ो आबाद था तो कभी बेबीलोन. शहर बसते और उजड़ते रहते हैं. एक नजर हाल ही में उजड़े कस्बों पर.
कावालेरिजो, इटली
2005 में भूस्खलन के बाद कावालेरिजो के ज्यादातर बाशिंदे दूसरी जगहों पर चले गये. तब से यह कस्बा सूना पड़ा है. वहां अब सिर्फ एक महिला अपने कुत्ते के साथ रहती है.
क्राको, इटली
इस इतावली कस्बे में 1960 के दशक में आए भूकंप और बाढ़ ने सारे बाशिंदों को भागने पर मजबूर कर दिया. लोगों में ऐसा डर बैठा कि कोई वहां लौटा नहीं. अब वहां फिल्म के डरावने सीन शूट होते हैं.
प्रिपेत, यूक्रेन
चेर्नोबिल में हुए परमाणु रिएक्टर हादसे ने इस कस्बे को उजाड़ दिया. कभी वहां 43,000 लोग रहते थे. लेकिन 1986 के बाद से वहां सिर्फ खरगोश और लोमड़ी जैसे जंगली जीव ही दिखाई पड़ते हैं.
ब्योलोलासिका, क्रोएशिया
कभी इसे स्की रिजॉर्ट बनाने की कोशिश की गई, लेकिन रिजॉर्ट प्रोजेक्ट अधूरा रह गया. पर्यटन में आई भारी गिरावट के चलते स्थानीय लोग वहां से चले गये. रोपवे पर लटके झूले आज भी विस्थापन की कहानी सुनाते हैं.
होउटोवान, चीन
चीन के झेनजियांग प्रांत के इस गांव में अब कोई नहीं रहता है. द्वीप पर बसे इस गांव के लोग रोजगार की तलाश में बाहर गये और फिर कभी नहीं लौटे. अब तो वहां के घरों को भी प्रकृति ने अपनी गोद में ले लिया है.
कोलमनस्कोप, नामीबिया
19वीं सदी की शुरुआत में वहां सैकड़ों लोग वहां हीरे खोजकर अपनी किस्मत चमकाने की उम्मीद से गये. वहां कई जर्मन परिवार भी बसे. 1920 के दशक तक हीरों का कारोबार फला फूला, लेकिन फिर रेत के तूफान से इंसान को वहां से खदेड़ दिया.
ओरबिटा, यूक्रेन
यूक्रेन के बीचों बीच बसा ओरबिटा भी हिंसा की भेंट चढ़ गया. यूक्रेनी सेना और रूस समर्थक विद्रोहियों के संघर्ष के चलते सारे बाशिंदे ओरबिटा शहर छोड़ गए.
गाउसनविले, फ्रांस
पेरिस के बाहर बसा यह कस्बा 40 साल पहले आबाद हुआ करता था. लेकिन विमानों के बढ़ते शोर के चलते धीरे धीरे लोग वहां से रुखसत कर गए. आज इक्का दुक्का लोग ही वहां रहते हैं.