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अपनी गलती के लिए माफी चाहता हूं: सारकोजी

२० अप्रैल २०१२

फ्रांस में नया राष्ट्रपति चुने जाने की दौड़ तेज हो गई है. रविवार को चुनाव का पहला दौर होगा. फ्रोंसुआ ओलांद के सामने सारकोजी को कमजोर उम्मीदवार माना जा रहा है.

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France's President and UMP party candidate for the 2012 French presidential elections Nicolas Sarkozy, arrives at a political rally on the place de la Concorde in Paris, April 15, 2012. Presidential rivals Nicolas Sarkozy and Francois Hollande stage competing rallies in Paris, Sunday, in a last ditch battle for votes, just a week before elections. REUTERS/Michel Euler/Pool (FRANCE - Tags: POLITICS ELECTIONS) // eingestellt von nis
निकोला सारकोजी चुनाव अभियान के दौरानतस्वीर: Reuters

यदि ओलांद चुनाव जीत जाते हैं तो वह 1995 के बाद से फ्रांस के पहले समाजवादी राष्ट्रपति होंगे. आलोचक इस चुनाव को ओलांद की जीत कम और सारकोजी की हार के रूप में ज्यादा देख रहे हैं. माना जाता है कि सारकोजी ने अपने कार्यकाल में देश पर ध्यान देने की जगह अपनी निजी जिंदगी पर ज्यादा तवज्जो दी. कार्ला ब्रूनी से शादी कर वह फ्रांस के पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए जिन्होंने अपने कार्यकाल में शादी की हो और जो राष्ट्रपति पद संभालते हुए पिता बने हों.

बस एक मौका और

शुक्रवार को जर्मनी के आरटीएल रेडियो से बात करते हुए उन्होंने अपने बर्ताव के लिए माफी मांगी. सारकोजी ने कहा, "शायद मुझसे अपने कार्यकाल की शुरुआत में गलती यह हुई कि मैंने राष्ट्रपति के किरदार के सभी आयामों को ठीक से नहीं समझा और अपने काम को गंभीरता से नहीं लिया." अपने लिए एक और मौका मांगते हुए उन्होंने कहा, "मैं अपनी गलती के लिए माफी मांगना चाहता हूं और मैं यह समझाना चाहता हूं कि मैं इसे दोहराउंगा नहीं. अब मैं इस काम को ठीक तरह जानता हूं."

France's President and candidate for re-election in 2012, Nicolas Sarkozy, shows the letter to the French population as he speaks to reporters during a press conference as part of his presidential campaign in Paris, Thursday, April 5, 2012, 16 days from the first round of voting. (Foto:Michel Euler/AP/dapd) Jean Luc Melenchon, leader of France's leftist political party and Front de Gauche political party's candidate for the 2012 French presidential election, presents his New Year's greetings to the media in Les Lilas, in the suburb of Paris, Wednesday, Jan. 4, 2012. (AP Photo/Francois Mori) France's far-right National Front candidate for the upcoming presidential election in 2012, Marine Le Pen, gestures as she delivers a speech to the main farmers union in Montpellier, southern France, Thursday, March 29, 2012. (Foto:Michel Euler/AP/dapd) France's Socialist Party candidate for the 2012 French presidential election, Francois Hollande, delivers a speech during competitiveness Challenge meeting in Paris, Tuesday, March 13, 2012. (Foto:Jacques Brinon/AP/dapd)
फ्रांस के राष्ट्रपति चुनावों में उम्मीदवारतस्वीर: dapd/AP

राष्ट्रपति पद की दौड़ में वामपंथ मोर्चे के यां लुक मेलेशां भी शामिल हैं. हालांकि उनके आखिरी दौर तक पहुंचने की उम्मीद नहीं है. मेलेशां चीन के साथ सहयोग पर जोर दे रहे हैं. शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि फ्रांस को अमेरिका के प्रभाव से दूर होने की जरूरत है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय निवेश देश को नुक्सान पहुंचा रहा है. चीन का साथ देने के बारे में मेलेशां ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय संबंधों और विकास के क्षेत्र में चीन और फ्रांस के कई साझे हित हैं."

ओलांद और सारकोजी में टक्कर

माना जा रहा है कि रविवार को चुनाव के पहले दौर के बाद समाजवादी फ्रोंसुआ ओलांद और निकोला सारकोजी फाइनल दौर में पहुंचेंगे. शुक्रवार रात से चुनाव प्रचार और ओपिनियन पोल बंद कर दिए जाएंगे. अब तक के पोल बताते हैं कि ओलांद 29 फीसदी मतों से आगे रह सकते हैं. ओपिनियन पोल के मुताबिक सारकोजी को 25.5 प्रतिशत मत मिले हैं. आखिरी दौर में ओलांद को 56 और सारकोजी को 44 फीसदी मत मिलने की बात कही जा रही है.

उग्र दक्षिणपंथी मारिन ले पेन को पहले दौर में 16 और वामपंथी यां लुक मेलेशां को 14 प्रतिशत मत मिलने की संभावना है. इनके आलावा मध्यवादी फ्रोंसुआ बेरू को भी दस प्रतिशत मत मिल सकते हैं. सर्वेक्षण करने वाली इपसोस का कहना है कि यदि नतीजे सही निकले तो ऐसा पहली बार होगा कि पांच उम्मीदवारों को दस या उस से ज्यादा फीसदी मत मिले हों.

फ्रांस में कई सवाल बाकी

अधिकतर विश्लेषकों की राय है कि सारकोजी इन चुनावों में हार जाएंगे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी है. सारकोजी की प्रवक्ता ने एक अखबार से बातचीत में कहा कि फ्रांस ने पहले दौर से पहले इतने अस्थिर नतीजे इस से पहले नहीं देखे हैं." फ्रांस यूरोसंकट से तो जूझ ही रहा है. साथ ही वहां बेरोजगारी दर पिछले बारह साल में सबसे अधिक हो गई है. ऐसे में फ्रांस के लोग सारकोजी को एक मौका और देंगे इसके आसार कम ही दिख रहे हैं.

आईबी/एएम (एएफपी/एपी)

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