अपनी पार्टी के संकट से घिरे जर्मन विदेश मंत्री
३ अप्रैल २०११हफ्ते भर पहले दो राज्यों में हुए चुनावों में एफडीपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा जिसके लिए वेस्टरवेले को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. वैसे वेस्टरवेले पहले ही फिर पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव न लड़ने का मन बना चुके हैं जो मई में होने हैं. रविवार को वह अपने इस फैसले का एलान कर सकते हैं. संघीय सरकार में चांसलर अंगेला मैर्केल की जूनियर साझीदार एफडीपी के मुखिया वेस्टरवेले विदेश मंत्री होने के अलावा देश के उप चांसलर भी हैं.
वेस्टरवेले को चाहिए भरोसा
चीन और जापान के दौरे पर जाने पहले वेस्टरवेले ने पार्टी के संकट को सुलझाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन उनकी गैरमौजूदगी में उनके नेतृत्व पर सवाल गहराते गए. एफडीपी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की सोमवार को बर्लिन में बैठक हो रही है. हालिया मीडिया रिपोर्टों के मुताबकि वेस्टरवेले पार्टी प्रमुख का पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन वह यह भरोसा चाहते हैं कि पार्टी उन्हें विदेश मंत्री और उप चांसलर के पद पर बनाए रखेगी.
राजनीतिक हल्कों में वेस्टरवेले की लोकप्रियता बेहद नीचे पहुंच गई है. बहुत से रूढीवादी पिछले महीने उस वक्त हैरान रहे गए जब वेस्टरवेले ने लीबिया पर नो फ्लाई जोन लागू करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश प्रस्ताव पर जर्मन राजनयिकों को तटस्थ रहने का निर्देश दिया. आलोचकों का कहना है कि वेस्टरवेले के हमलावर रुख ने उन्हें दमदार विपक्षी नेता तो बनाया लेकिन सरकार में आने और विदेश मंत्री बनने के बाद उनके इसी अंदाज से बहुत से जर्मनों को ठेस लगी है.
कौन हैं दावेदार
वेस्टरवेले को जर्मन मीडिया में अकसर नकारात्मक कवरेज ही मिलती है. उनकी जगह विदेश मंत्री का पद संभालने वाले लोगों के नामों पर पहले से ही अटकलें शुरू हो गई हैं. इनमें 44 वर्षीय ग्राफ लाम्ब्सडोर्फ भी शामिल हैं जो यूरोपीय संसद के सदस्य हैं और पेशे से राजनयिक हैं. वहीं पार्टी प्रमुख के पद पर संघीय सरकार में स्वाथ्य मंत्री फिलिप रोएसलर की दावेदारी को खासा मजबूत माना जा रहा है. उन्होंने हाल ही में एफडीपी की दिशा में परिवर्तन का नारा बुलंद किया. बिल्ड अखबार को दिए इंटरव्यू में रोएसलर ने कहा, "यह खोई हुई विश्वसनीयता हासिल करने का सवाल है. पार्टी की खातिर हमें मिल कर काम करना होगा."
वेस्टरवेले ने जनवरी में एफडीपी से कुछ समय मांगा ताकि वह खुद को एक अच्छा नेता साबित कर सकें, लेकिन उनके आलोचकों का कहना है कि 27 मार्च को बाडेन वुर्टेमबर्ग राज्य में हुए चुनावों ने तय कर दिया कि वेस्टरवेले को जाना ही होगा. इन चुनावों में एफडीपी को सिर्फ 5.3 प्रतिशत वोट मिले.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा एम