अफगान पीड़ितों को अमेरिकी ब्लड मनी
२६ मार्च २०१२मरने वालों के के परिजनों को 50 हजार डॉलर यानी 25 लाख 63 हजार रुपये दिए गए हैं जबकि घायल हुए लोगों को 10 हजार डॉलर यानी करीब 5 लाख 12 हजार रुपये दिए गए. इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान के पंजवई जिले में दो गांवों में गोलीबारी हुई थी. अफगान अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस गोलीबारी में 9 महिलाओं बच्चों सहित 16 लोग मारे गए थे. रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने कबायली नेता हाजी अगा ललाई के हवाले से लिखा है, "अमेरिकी पंजवई में आए और परिजनों को मुआवजा दिया." अमेरिकी दूतावास ने इस संबंध में सभी सवाल अंतरराष्ट्रीय सेना से पूछने को कहा. आईसैफ के प्रवक्ता ने कहा कि वह मुआवजा दिए जाने या नहीं दिए जाने के बारे में किसी जानकारी की पुष्टि नहीं कर सकते हैं.
लेफ्टिनेंट कमांडर ब्रायन बैडुरा ने कहा कि नीति के तहत आईसैफ लड़ाई के दौरान या किसी ऑपरेशन में हुई मौतों के लिए कोई क्षतिपूर्ति नहीं कहता. किसी देश की सेना अफगानिस्तान की संस्कृति के हिसाब से क्षतिपूर्ति कर सकती है लेकिन यह सिर्फ धन के तौर पर हो ऐसा जरूरी नहीं. अधिकतर मामलों में क्षतिपूर्ति अपने परिजनों को खो चुके लोगों के लिए बहुत संवेदनशील मुद्दा होता है.
2010 में कैंपेन फॉर इनोसेंट विक्टिम इन कॉनफ्लिक्ट की रिपोर्ट में कहा गया था कि अफगानिस्तान में मारे गए नागरिकों के लिए अमेरिका सामान्य तौर पर ढाई हजार डॉलर का मुआवजा देता है.जबकि दूसरे देश मुआवजे में अलग अलग राशि देते हैं.
अमेरिकी अधिकारियों ने शुक्रवार को स्टाफ सार्जेंट रॉबर्ट बेल्स पर 17 हत्या के आरोप तय किए. अफगानिस्तान में हुई गोलीबारी में 16 लोगों के ही मरने की खबर थी लेकिन 17 लोगों की हत्या के आरोप सार्जेंट पर क्यों लगे यह साफ नहीं है.
इस गोलीबारी के कारण अफगानिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में तनाव और बढ़ गया है. यह घटना ऐसे समय हुई है जब अंतरराष्ट्रीय सेनाएं अफगानिस्तान से निकलने की तैयारी में हैं.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ आभा एम
संपादनः एन रंजन