अफगान बलों को भारतीय मदद का स्वागत हैः अमेरिका
२ जून २०११अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रवक्ता कर्नल डेव लापान ने बताया, "हमें इस बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं मिली है लेकिन अगर यह अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों की मदद के लिए हैं तो यह सकारात्मक बात है." वह भारतीय रक्षा मंत्री एके एंटनी और अफगान रक्षा मंत्री अब्दुल रहीम वारदाक की बैठक से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे. नई दिल्ली में हुई इस मुलाकात में क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई.
लापान ने कहा, "देखिए, मुझे इस मामले की खास तौर से जानकारी नहीं है. लेकिन हमारा रुख हमेशा से यही रहा है कि अगर हमें अफगान सुरक्षा बलों की ट्रेनिंग के लिए नाटो और अन्य सहयोगी देशों की मदद मिलती है तो हम इसका स्वागत करेंगे." अफगानिस्तान में भारत की बढ़ती भूमिका पर पाकिस्तान नाराजगी जताता रहा है. आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अहम सहयोगी कहे जाने वाले पाकिस्तान से अमेरिका के रिश्ते इन दिनों बेहद तनावपू्र्ण हैं जिसकी एक बड़ी वजह एबटाबाद में विशेष अमेरिकी सैन्य टुकड़ी के एकतरफा अभियान में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मौत है.
जनरल वारदाक सात सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. भारत अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में सक्रिय मदद दे रहा है और उसे करजई सरकार का विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है. हामिद करजई के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत ने अफगानिस्तान को 1 अरब डॉलर की मदद दी है. भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले महीने अफगानिस्तान के दौरे पर गए थे.
जनरल वारदाक ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा, "हम प्रशिक्षण के क्षेत्र में हर सहयोग और अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा बल की मदद का स्वागत करेंगे ताकि वे मुल्क की हिफाजत कर सकें."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस गौड़