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अफगानिस्तान में नहीं उलझना चाहता है भारत

३० जून २०११

अगले महीने से अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी शुरू होगी. ऐसे में भारत ने अमेरिकी सरकार से साफ कहा है कि वह अफगानिस्तान के सुरक्षा मामलों में नहीं उलझना चाहता, पर विकास से जुड़ी कोशिशें जारी रखेगा.

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अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय सेना के प्रमुख जनरल पेट्रेअसतस्वीर: AP

वॉशिंगटन में भारतीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टॉम डोनीलोन से बातचीत में भारतीय रूख को साफ किया. उन्होंने भारत के पड़ोस में होने वाले घटनाक्रम पर भी चर्चा की. मीडिया के साथ बातचीत में मुखर्जी ने कहा, "हम अफगानिस्तान के सुरक्षा मामलों में नहीं उलझना चाहते." तीन दिन के अमेरिकी दौरे के बाद मुखर्जी भारत लौट चुके हैं. मुखर्जी के इस अमेरिकी दौरे का मकसद दोनों देशों की आर्थिक और वित्तीय साझेदारी वार्ता में हिस्सा लेना था.

Pranab Mukherjee
प्रणब मुखर्जीतस्वीर: UNI

मुखर्जी ने कहा, "हमने समूची स्थिति, अपने रुख और सामरिक साझीदारी पर अपने संबंधों पर चर्चा की. अमेरिका की इसमें रुचि है कि भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बातचीत हो. भारत को अफगानिस्तान में सक्रिय भूमिका अदा करनी चाहिए. हमने इन मुद्दों पर बात की और उन समस्याओं पर भी, जो हमें दिखती हैं."

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले हफ्ते ही अफगानिस्तान से शुरू में 30 हजार सैनिकों की वापसी का आदेश दिया है. सैनिकों की वापसी की यह प्रक्रिया 2014 तक जारी रहेगी और उसके बाद अफगानिस्तान की सुरक्षा की जिम्मेदारी अफगान सुरक्षा बलों के हाथों में होगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एमजी

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