अफगानिस्तान में फलता देह व्यापार
२८ अक्टूबर २०१२देह व्यापार दुनिया के सबसे पुराने व्यापारों में से है. हर देश में किसी न किसी रूप में देह व्यापार होता है. लेकिन परेशानी यह है कि ज्यादातर महिलाएं इस व्यापार में मजबूरी की वजह से आती हैं.
अफगानिस्तान में देह व्यापार गैर कानूनी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अफगानिस्तान में ऐसा नहीं होता. महिलाओं को बेचने का व्यापार जोरों से चल रहा है और युवतियों को विदेशों में बेचा जाता है. मानवाधिकार संस्थान ह्यूमन राइट्स वॉच की हेदर बार कहती हैं, "ह्यूमन राइट्स वॉच ने इस साल मार्च में एक रिपोर्ट निकाली है जिसमें उन महिलाओं के बारे में लिखा है जिन्हें नैतिक तौर पर गलत काम करने के आरोप में जेल में रखा गया है. और इनमें हैरानी वाली बात यह है कि जिन महिलाओं से मैंने मुलाकात की उनमें से ज्यादातर महिलाएं अपने परिवार या पति की वजह से देह व्यापार को मजबूर हुई."
बार का कहना है कि गरीबी और नशे की वजह से कई परिवार अपनी बेटियां बेच देते हैं. परिवारों को अकसर लगता है कि उनकी महिलाएं आमदनी का स्रोत हैं और वे उनका फायदा उठाते हैं. पाकिस्तान से भी कई महिलाएं बिक कर अफगानिस्तान आती हैं. बिगड़ती सुरक्षा का मतलब यह भी है कि अपराधी और तस्करी कर रहे लोग आराम से ऐसे काम कर सकते हैं और पकड़े जाने से बच सकते हैं. जब यह महिलाएं सरहद के पार दूसरे देश में पहुंचती हैं तो वे इनके खरीदने वालों पर निर्भर रहती हैं.
पाकिस्तान से आई एक महिला ने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा, "हम गरीब और लाचार हैं, हम क्या कर सकते हैं. हमारे पास खाने को कुछ नहीं है. इसलिए वह 'बड़ा आदमी' हमें कराची से यहां लाया. किसी को भी यह काम पसंद नहीं, लेकिन मेरे पास कोई और चारा नहीं है." यह महिला दारी या पश्तो नहीं बोल पाती हैं, जो अफगानिस्तान की अधिकारिक भाषाएं हैं. उनका कहना है कि उन्हें डर है कि उन्हें खरीदने वाला "बड़ा आदमी" इससे नाराज होगा और कुछ बुरा करेगा. इस महिला के मालिक का खुद कहना है कि गरीबी की वजह से वह यह काम कर रहा है. उसका कहना है कि उसने किसी से जबरदस्ती नहीं की है और अगर महिलाएं खुद अपना शरीर बेचना चाहती हैं तो वह ऐसा कर सकती हैं.
इस्लामी कानून के मुताबिक देह व्यापार गैर कानूनी है. नेक मुहम्मद एक मौलवी हैं और पूर्वी अफगान प्रांत नंगरहार में एक अदालत के लिए काम करते हैं. वह कहते हैं, "घटना की गवाही देने वाले कम से कम चार लोग होने चाहिएं. और अगर देह बेचने वाली महिला या उसे खरीदने वाला शादी शुदा हो तो उसे पत्थ मार कर सजा दी जाती है और अगर किसी की शादी नहीं हुई होती है तो उसे कोड़े लगते हैं."
लेकिन सजा से कहीं ज्यादा देह व्यापार में बीमारी की संभावना है. इस व्यापार में शामिल महिलाओं को अकसर यौन संबंधों से फैलने वाली बीमारियों का पता ही नहीं होता. नंगरहार में स्वास्थ्य मंत्रालय में काम कर रहे डॉक्टर बाज मुहम्मद शेरजाद कहते हैं कि पिछले महीनों में यौन संबंधों से फैलने वाली बीमारियों की घटनाएं बढ़ी हैं. शेरजाद का कहना है कि इस मामले में लोगों को जागरूक करना जरूरी है. ह्यूमन राइट्स वॉच की हेदर बार कहती हैं कि सरकार घरेलू हिंसा से लेकर बाल विवाह, महिलाओं का व्यापार, जबरन देह व्यापार जैसे मुद्दों को काबू में करने में सफल नहीं हुई है. उनका कहना है कि सरकार की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है. अब कम से कम अपने घरों से भागने वाली महिलाओं को गिरफ्तार नहीं किया जाता.
रिपोर्टः वसलत हसरत नजीमी/एमजी
संपादनः आभा मोंढे