अमेरिका के टैबलॉयड तो ऐसे नहीं हैं..
२४ जुलाई २०११आम तौर पर अमेरिकी पाठकों की रूचि खबरों के उस 'अश्लील' पहलु की तरफ कम होती है जिस पर ब्रिटिश टैबलॉयड चटखारेदार खबरें देने में जुटे रहते हैं. इसी चक्कर में कई बार ब्रिटिश टैबलॉयड मर्यादाओं को ताख पर रखने में भी नहीं हिचकिचाते. फोन हैकिंग कांड से उठा वबंडर इसी की ताजा मिसाल है.
एक अमेरिकी यूनिवर्सिटी में कम्युनिकेशन के प्रोफेसर रिच हेनली कहते हैं, "अमेरिका की टैबलॉयड प्रेस ब्रिटेन या फिर दूसरे देशों की टैबलॉयड प्रेस से अलग है. ब्रिटेन में टैबलॉयड अखबारों के बीच बहुत कंपीटिशन है. वहीं अमेरिका में टैबलॉयड इस स्तर तक नहीं जाते. वे जानते हैं कि अमेरिकी पाठक ब्यौरा तो चाहते हैं लेकिन एक लक्ष्मणरेखा भी है जब ब्यौरा अस्वीकार्य होने लगता है."
क्यों पार हो रही है लक्ष्मणरेखा
हेनली मानते हैं कि ब्रिटेन में जिस कांड ने मीडिया मुगल रुपर्ट मर्डोक को इतना शर्मसार किया, वह अमेरिका में इतना फैलता ही नहीं. उनके अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड पर लोगों के फोन हैकिंग के आरोप लगे और विवाद गहराता देख उसे बंद करना पड़ा. माफी मांग चुके रुपर्ट मर्डोक की ब्रिटिश संसद में पेशी भी हो चुकी है. यही नहीं, उन्हें अपने दो सीनियर एग्जीक्यूटिव भी गंवाने पड़े हैं. हेनली बताते हैं, "मुझे नहीं लगता कि ब्रिटेन में यह जितना बड़ा कांड हुआ, वह अमेरिका में होता. मुझे यह भी नहीं दिखता कि मर्डोक के अमेरिकी ब्रांड न्यू यॉर्क पोस्ट और फॉक्स न्यूज इस तरह का काम करते."
मीडिया सुधारों के लिए काम करन वाले संगठन फ्रीप्रेस के टिमोथी कार का कहना है, "टैबलॉयड ऐसी खबर प्रकाशित करने की कोशिश करते हैं जो सनसनीखेज हो, लेकिन इसका यह मतबल नहीं है कि वे सब एक जैसे तरीके अपनाते हों. मर्डोक के मामले में हमें जो बढ़ता हुआ चलन देखने को मिलता है, वह यह है कि सबसे पहले स्टोरी पाने और अपने प्रतिद्वंद्वी को मात देने के लिए वह सब करने से भी परहेज नहीं बरता जा रहा है जिससे कानून और बुनियादी मानकों का उल्लंघन होता है." हालांकि अमेरिका में इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि कोई कदम कानून के दायरे से बाहर न जाए.
सनसनीखेज खबरें 'बिकती हैं'
पत्रकारिता पढ़ाने वाले प्रोफेसर पॉल जेनेश का कहना है, "अमेरिका में कोई भी समाचार संस्थान कानून तोड़ कर जानकारी नहीं जुटाता. हो सकता है कि सुपरमार्केट का टैबलॉयड समय समय पर कानूनी लक्ष्मणरेखा को पार करता हो लेकिन वे अखबार नहीं हैं.
मौजूदा स्कैंडल के बारे में जेनेश का कहना है, "मुझे लगता है कि अब मर्डोक के अखबार और न्यूज कॉर्प अत्यधिक ख्याल रखेंगे और चटपटी खबर पाने के चक्कर में कानून को नहीं तोड़ेंगे. लेकिन मुझे इस बात में संदेह है कि ये लोकप्रिय अखबार अधिक संयमित होंगे. ब्रिटेन में तो सनसनीखेज खबरें ही बिकती हैं."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन