हवाई हमले के कारण रुकी सीरिया में मानवीय मदद
२१ सितम्बर २०१६संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया भेजी जाने वाली सभी तरह की मानवीय मदद को फिलहाल स्थगित कर दिया है. सोमवार शाम उत्तरी अलेप्पो में उनके लिए मदद ले जा रहे काफिले पर हवाई हमला हुआ, जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई और कुल 31 में से 18 ट्रकों में जा रही सारी सामग्री तबाह हो गई. इस हमले को अमेरिका ने या तो रूस या फिर सीरियाई शासन का काम बताया है.
व्हाइट हाउस के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स ने कहा, "हमें मिली सारी जानकारी इस ओर इशारा करती है कि यह एक हवाई हमला था. जिसका अर्थ हुआ कि इसके जिम्मेदार दो ही तरह के लोग हो सकते हैं, सीरियाई शासन या फिर रूसी सरकार."
रोड्स के आरोपों को मॉस्को और दमिश्क दोनों ने खारिज किया है. रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने किसी तरह के बम हमले से इनकार किया है और इसके लिए अपने पास ड्रोन कैमरों से दर्ज हुए वीडियो फुटेज होने की बात कही है. प्रवक्ता कोनासेंकोव ने कहा, "वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक लार्ज-कैलिबर मोर्टार लिए आतंकवादी (विद्रोही) ट्रक काफिले से साथ साथ जा रहा है."
सीरियाई सरकार की मदद से यूएन, रेड क्रॉस, सीरियाई रेड क्रिसेंट तीनों संस्थाओं ने मिलकर मदद का काफिला भेजा था. यूएन का कहना है कि इसे युद्ध अपराध माना जा सकता है. महासचिव बान की मून ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, "लोगों की जान बचाने वाली मानवीय मदद ले जा रहे लोग हीरो थे... जिन्होंने उन पर हमला किया वो कायर."
एक हफ्ते तक चले संघर्षविराम के खत्म होने के कुछ ही घंटे बाद काफिले पर यह हमला हुआ. अमेरिका और रूस की सहमति से हुए संघर्षविराम के खत्म होने के बाद से ही अलेप्पो और आसपास के इलाकों में हवाई हमले हो रहे हैं. देश के उत्तर में भी जमीनी युद्ध की खबरें हैं.
अमेरिका में महासभा की बैठक के दौरान 'इंटरनेशनल सीरिया सपोर्ट ग्रुप' के विदेश मंत्री युद्धविराम संधि पर सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं. ग्रुप ने कहा है कि "मानवीय आपूर्ति की बेरोक, सुरक्षित और निरंतर" खेप पहुंचाने के लिए ये जरूरी है. इस ग्रुप में बीस देशों के दूत शामिल हैं और वे इस मुद्दे पर शुक्रवार को फिर मिलेंगे. एक हफ्ते चले संघर्षविराम के दौरान सीरिया में हिंसा कुछ कम हुई और कुछ लाख लोगों तक थोड़ी मदद भी पहुंचाई जा सकी.
तीन महीने तक भुखमरी से जूझने के बाद जनवरी 2016 में सीरियाई शहर मदाया को मानवीय मदद पहुंचनी शुरू हुई. देखिए सरकार समर्थित सेना से घिरे मदाया की बदहाली के सबूत.