अमेरिका ने पाकिस्तान में शम्सी हवाई अड्डे को खाली किया
११ दिसम्बर २०११एक बयान में पाकिस्तानी सेना ने कहा कि अमेरिकी अफसरों को लिए अंतिम उड़ान शम्सी एयरबेस छोड़ चुकी हैः "शम्सी एयरबेस पर सेना ने फिर से नियंत्रण पा लिया है." शम्सी हवाई अड्डे के बारे में कहा जाता है कि उसका इस्तेमाल पाकिस्तान के पूर्वोत्तर में तालिबान और अल कायदा कमांडरों के खिलाफ ड्रोन हमलों के लिए किया जाता था.
26 नवंबर को हुए नाटो हमलों में कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे. पाकिस्तान की सेना का मानना है कि हमला बिना जान बूझ कर किया गया. इस बीच पाकिस्तानी तहरीक ए तालिबान के एक प्रवक्ता ने रविवार को इस बात को नकारा कि उसका संगठन पाकिस्तानी सरकार के साथ शांति वार्ताओं में शामिल हो रहा है.
शनिवार को पाकिस्तानी तालिबान के दूसरा सबसे वरिष्ठ नेता, मौलवी फकीर मुहम्मद ने कहा था कि तालिबान पाकिस्तानी सरकार के साथ बातचीत कर रही है. लेकिन एहसानुल्लाह एहसान ने मुहम्मद के बयान को खारिज करते हुए कहा कि जब तक सरकार देश में इस्लामी कानून या शरीयत लागू नहीं करती, तब कर बातचीत नहीं होगी. एहसान ने पिछले कुछ महीनों में ऐसी खबरों को खारिज किया है जिसमें पाकिस्तानी सरकार और तालिबान के बीच शांति को लेकर बातचीत के बारे में कहा गया है. एसोसिएटेड प्रेस समाचार एजेंसी से बात कर रहे एहसान ने कहा कि "कुछ मुट्ठीभर लोगों और सरकार के बीच बातचीत को तालिबान के साथ वार्ता का दर्जा नहीं दिया जा सकता."
अमेरिका ने अफगान सरकार पर अपने देश में तालिबान के साथ बात करने को लेकर समय समय पर दबाव डाला है लेकिन पाकिस्तानी सरकार और तहरीक ए तालिबान के बीच बातचीत के बारे में सुनकर अमेरिका में चिंताएं बढ़ सकती हैं. पाकिस्तानी तालिबान और सरकार के बीच हुए समझौते ज्यादातर विफल हो गए हैं. समझौतों की आड़ में तालिबान ने अपने लड़ाकों को प्रशिक्षण दिया है और बाद में कहीं ज्यादा ताकतवर हो कर उभरे हैं.
तहरीक ए तालिबान अल कायदा के करीब माना जाता है और पिछले लगभग साढ़े चार सालों में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों का जिम्मेदार माना जाता है. पिछले लगभग पांच सालों में कम से कम 35,000 लोगों की मौत हुई है.
रिपोर्टः एएफपी, एपी/एम गोपालाकृष्णन
संपादनः एन रंजन