अमेरिका भारत की भाषा बोल रहा है: पाकिस्तान
१९ दिसम्बर २०१७पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) नसीर खान जांजुआ ने कहा कि अमेरिका, अफगानिस्तान में भारत को एक बड़ी भूमिका देने के लिए तैयार है, जबकि वह इस क्षेत्र में अपनी असफलता के लिए पाकिस्तान को दोष देता है.
पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने एनएसए के हवाले से कहा, "अमेरिका ने भारत को पाकिस्तान के मुकाबले स्पष्ट तौर पर प्राथमिकता दी है, जबकि भारत पाकिस्तान के साथ परंपरागत युद्ध की लगातार धमकी दे रहा है."
उन्होंने कहा, "अमेरिका ने पाकिस्तान पर हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया, जबकि असल में पाकिस्तान ने जब से अमेरिका के साथ अपनी सेना का गठबंधन किया, तभी से वह आतंकवाद का सामना कर रहा है. पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारी कीमत चुकाई है, लेकिन दुनिया ने इस नुकसान को कभी स्वीकार नहीं किया."
जांजुआ ने दावा किया कि अमेरिका चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर का भी विरोध करता है. चीन पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है, जिसके तहत पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के कशगर शहर से जोड़ा जाएगा. यह कोरिडोर चीन की महत्वाकांक्षी 'वन बेल्ट वन रोड' परियोजना का हिस्सा है जिसके तहत चीन पूरी दुनिया को रेलवे, सड़क और समुद्री मार्ग से जोड़ कर व्यापार के प्राचीन सिल्क रूट को पुर्जीवित करना चाहता है. भारत इस परियोजना के खिलाफ है. लेकिन हाल ही में दिल्ली में रूस के विदेश मंत्री ने भारत से इस परियोजना में शामिल होने को कहा.
दूसरी तरफ, अमेरिका के साथ भारत के संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं, जिन्हें लेकर पाकिस्तान अकसर चिंतित दिखता है. जंजुआ ने कहा, "अमेरिका इस क्षेत्र में असंतुलन पैदा कर यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इस क्षेत्र में चीन की वृद्धि न हो और न ही रूसी ताकत फिर से मजबूत हो."
चीन जहां पाकिस्तान का पारंपरिक सहयोगी रहा है, वही रूस के साथ पाकिस्तान के रिश्ते धीरे धीरे बेहतर हो रहे हैं. दशकों तक भारत का करीबी सहयोगी रहने वाला रूस क्षेत्र के अन्य देशों के साथ अपने संबंधों को विस्तार दे रहा है. हाल के समय में उसने न सिर्फ अफगानिस्तान में सक्रियता दिखाई है बल्कि पाकिस्तान के साथ भी संबंधों पर नए सिरे विचार करना शुरू किया है.
--आईएएनएस