अमेरिकी आर्थिक साख पर खतरा, रेटिंग गिरी
६ अगस्त २०११अमेरिका के इतिहास में यह पहला मौका है जब उसे इस तरह के हालात से गुजरना पड़ रहा है. स्टैंडर्ड एंड पुअर ने अमेरिका के लंबे समय के क्रेडिट रेटिंग को घटाया है और इसे एए प्लस कर दिया गया है. सरकार के बजट घाटे और भारी होते कर्ज के बोझ की वजह से यह कमी की गई है. इसके बाद अमेरिकी सरकार, कंपनियों और उपभोक्ताओं के लिए कर्ज लेना और महंगा हो जाएगा. एस एंड पी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "रेटिंग में कमी हमारी इस राय को जाहिर करती है कि संसद और प्रशासन ने हाल में जो आर्थिक मोर्चे पर कदम उठाने के लिए सहमति बनाई है वह सरकार के मझले स्तर के कर्ज को स्थिर बनाए रखने के लिए जरूरी है."
नई अमेरिकी रेटिंग को अब निगेटिव श्रेणी में डाल दिया गया है और इसका मतलब यह है कि एस एंड पी आने वाले एक से डेढ़ साल के भीतर इसे और नीचे ले जा सकती है. इस कदम से दुनिया में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की ताजा हालत का अंदाजा हो जाता है. एस एंड पी ने अमेरिका को 1941 से ही एएए रेटिंग दी हुई थी.
अमेरिका की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के बीच हाल ही में कर्ज सीमा को लेकर घमासान पहले से ही दुनिया की धड़कन को तेज कर चुका है. कई दौर की बातचीत के बाद दोनों दल इस मुद्दे पर कुछ कड़ी शर्तों के दम पर सहमति बनाने में सफल हुए. इनमें खर्च में कटौती और टैक्स बढ़ाने की बात शामिल है. इसी महीने की 2 तारीख को राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आर्थिक घाटे को 2.1 खरब डॉलर से कम लाने के विधेयक पर दस्तखत किए हैं. समस्या यह है कि एस एंड पी ने अमेरिका की बेहतर वित्त व्यवस्था के लिए 4 खरब की बचत की मांग की थी और यह रकम सरकार की इस पहल से पूरी नहीं हो रही है.
अमेरिकी राजनीतिक दलों के बीच असहमति की बड़ी वजह है कि वहां आर्थिक विकास की गति धीमी हो चली है और इसका नतीजा ये हुआ है कि पिछला हफ्ता अमेरिकी शेयर बाजार के लिए दो सालों में सबसे खराब साबित हुआ है.
एस एंड पी के 500 शेयरों का इंडेक्स पिछले 10 कारोबारी दिनों में 10.8 फीसदी गिर गया है. ये आशंकाएं मजबूत हो रही हैं कि अमेरिका एक और मंदी ओर बढ़ रहा है. इसकी एक वजह यह भी है कि यूरोप का कर्ज संकट गहरा गया है. अमेरिका के ट्रेजरी बॉन्ड जो दुनिया में सबसे सुरक्षित माने जाते हैं, उनका स्तर ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और कनाडा के ट्रेजरी बॉन्ड से नीचे चला गया है.
क्या है एस एंड पी और क्रेडिट रेटिंग
एस एंड पी यानी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स एक वित्तीय सेवा देने वाली अमेरिकी कंपनी है. यह मैक्ग्रॉ हिल्स कंपनी की एक शाखा है जो स्टॉक और बॉन्ड के बारे में वित्तीय रिसर्च और विश्लेषण जारी करती है. यह अपने स्टॉक इंडेक्स के लिए दुनिया भर में विख्यात है. इसमें अमेरिका का एस एंड पी 500, ऑस्ट्रेलिया का एस एंड पी/ ऑक्स 200, कनाडा एस एंड पी/ टीएसएक्स, इटली का एस एंड पी/ एमआईबी और भारत का एस एंड पी/ सीएनएक्स निफ्टी शामिल है. यह दुनिया की सबसे बड़ी तीन क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में से एक है. बाकी की दो कंपनियां हैं मूडी और फिश रेटिंग. रेटिंग एजेंसिया सरकार की वित्तीय स्थिति, निवेश और शेयर बाजारों से मिले रूझानों के आधार पर अलग अलग देशों की क्रेडिट रेटिंग जारी करती हैं. इस रेटिंग को देश की वित्तीय स्थिति का सूचक माना जाता है. एस एंड पी को अमेरिका की सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंच कमीशन ने राष्ट्रीय स्तर के क्रेडिट रेटिंग एजेंसी की मान्यता दी हुई है.
रेटिंग पर सवाल
राष्ट्रपति बराक ओबामा को क्रेडिट रेटिंग कम किए जाने के बारे में एलान करने से पहले ही जानकारी मिल गई. हालांकि इस चर्चा में वित्त मंत्रालय के अधिकारी ही शामिल हुए और वहां अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय का कोई अधिकारी नहीं था. शुक्रवार की देर शाम अमेरिकी वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि रेटिंग एजेंसी ने सरकार के खर्च में करीब 2 खरब डॉलर की गलत गणना की है. मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "2 खरब डॉलर की गलती वाला फैसला अपने आप ही सब कुछ कह देता है." ओबामा प्रशासन ने एस एंड पी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. एस एंड पी को अपने विश्लेषण में से संख्या को हटाना पड़ा है.
उधर एस एंड पी का कहना है कि उसने मंत्रालय से बात करने के बाद अपने आर्थिक अनुमानों को बदला है, लेकिन इसका असर क्रेडिट रेटिंग कम करने के फैसले पर नहीं पड़ा. एस एंड पी के प्रमुख डेविड बीयर्स ने कहा, "हम अपनी जिम्मेदारी को बहुत गंभीरता से लेते हैं और अगर हमारे विश्लेषकों की कमेटी इस क्रेडिट रेटिंग से सहमत नहीं होती तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस गलती को मानें."
वित्त मंत्रालय ने जब देखा कि एस एंड पी अपने रुख से डिगने को तैयार नहीं तो उन्होंने इसका असर कम बताने की कोशिश की और कहा कि बाजार को पहले से ही इसके बारे में जानकारी है. उनका यह भी कहना है कि दो दूसरी एजेंसियां अमेरिका की एएए रेटिंग को कायम रखे हुए हैं.
राजनीतिक प्रतिक्रिया
अमेरिकी सांसदों ने रेटिंग कम होने पर अपनी राजनीतिक मुहिम के हिसाब से प्रतिक्रिया जताई है. डेमोक्रैट कह रहे हैं कि टैक्स बढ़ाने की जरूरत है तो रिपब्लिकन खर्चों में कटौती की बात कर रहे हैं. सीनेट में डेमोक्रेट सांसदों के नेता हैरी रीड ने कहा, "एस एंड पी के इस कदम से इस बात की पुष्टि हो जाती है कि हमें घाटे और खर्च में कमी के साथ राजस्व बढ़ाने के उपायों के बीच एक संतुलन बनाना होगा." संसद के निचले सदन के स्पीकर जॉन बोएनर ओहायो से रिपब्लिकन पार्टी के सांसद हैं. उन्होंने क्रेडिट में कमी को,"अमेरिकी सरकार के दशकों से चले आ रहे नियंत्रण से बाहर खर्च का परिणाम" बताया है. एक सांसद ने तो वित्त मंत्री टिमोथी गाइथनर के इस्तीफे की भी मांग कर दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति के तरफ से इस पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन ओबामा के संचार निदेशक डान फाइफर ने इसके लिए रिपब्लिकन पार्टी और उसकी नीतियों को दोषी ठहराने के संकेत दिए हैं.
एशियाई बाजारों की प्रतिक्रिया
अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग के कम होने से पैदा हुए संकट को ज्यादा बड़ा नहीं बताने के मामले में एशियाई बाजारों का नेतृत्व जापान ने किया है. जापान ने साफ किया है कि अमेरिकी ट्रेजरी में जापान के भरोसे पर इस कमी का कोई असर नहीं पड़ेगा. उधर दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया ने इस कमी पर ज्यादा प्रतिक्रिया दिखाने के खिलाफ चेतावनी दी है. येन की आकाश छूती कीमतों से जूझ रहे जापान ने फिलहाल अपने डॉलर आधारित संपत्तियों को बेचने की आशंका से इनकार किया है. चीन के पास 1.15 खरब डॉलर के अनुमानित अमेरिकी ट्रेजरी बान्ड हैं. उसने कहा है कि अमेरिका में जो कुछ हो रहा है उसके लिए वह खुद जिम्मेदार है. साथ ही उसने किसी और मुद्रा को दुनिया की रिजर्व मुद्रा बनाने की मांग भी दोहरा दी है. दक्षिण कोरिया ने रेटिंग में कमी के बाद वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है.
यूरोप पर दबाव
एस एंड पी के इस कदम से कुछ ही घंटे पहले निवेशकों चेतावनी दी कि यूरोजोन का कर्ज संकट इटली पर खर्च में कटौती को तेजी से लागू करने के लिए दबाव बढ़ा सकता है. शुक्रवार को दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट का दौर रहा. इस पूरे हफ्ते के दौरान शेयर बाजारों को करीब 2.5 खरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है. इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने कहा है कि सात औद्योगिक देशों यानी जी 7 के वित्त मंत्री जल्दी ही इस मुद्दे पर बैठक कर उठाने वाले कदमों के बारे में फैसला करेंगे. यूरोजोन का कर्ज संकट बढ़ रहा है और अमेरिकी अर्थव्यवस्था नीचे की तरफ जा रही है. इस डर ने वित्त बाजारों को गहरी आशंका में डाल दिया है. शुक्रवार को ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यूरोजोन के संकट पर जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सार्कोजी से बात की. हालांकि इनके बीच हुई बातचीत का ब्यौरा नहीं मिल पाया है.
सोमवार को दिखेगा असर
एस एंड पी की कटौती और दुनिया के बाजारों पर इसका असली असर सोमवार को नजर आएगा जब शेयर बाजार खुलेंगे. हालांकि इसकी आशंका पहले से ही बन रही थी. इसलिए इसका बहुत बुरा असर होने के आसार कम हैं. पर इतना जरूर है कि दुनिया के अर्थ बाजार में अमेरिका और डॉलर की स्थिति पर इसका असर दूरगामी हो सकता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार