अमेरिकी सरकार नहीं जानती किताब में क्या है
२३ अगस्त २०१२नो इजी डे: द फर्स्टहैंड अकाउंट ऑफ द मिशन दैट किल्ड ओसामा बिन लादेन नाम की यह किताब एक नेवी सील ने मार्क ओवेन के झूठे नाम से एक और लेखक केविन मावरर के साथ मिल कर लिखी है. अमेरिका की किसी सरकारी एजेंसी ने इस किताब की इस लिहाज से जांच नहीं की है कि इसके जरिए कहीं कोई गोपनीय बात तो सामने नहीं आ रही. किताब छापने वाली कंपनी डटन के प्रवक्ता ने बताया, "किताब की जांच स्पेशल ऑपरेशंस के पूर्व अटॉर्नी ने की है. उन्होंने इसमें रणनीतिक, तकनीकी, और कार्यविधि से जुड़ी जानकारियों की सच्चाई जांची है, साथ ही गोपनीय जानकारियों की भी और उन्होंने इस किताब को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे से मुक्त बताया है."
किताब ऐसे समय में सामने आ रही है जब अमेरिका 6 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों के सामने आने की वजह से विवादों का सामना कर रहा है. रिपब्लिकन पार्टी ने ओबामा प्रशासन पर कुछ खुफिया जानकारियों को उजागर करने का आरोप लगाया है. उनकी दलील है कि ऐसा डेमोक्रैट पार्टी की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी छवि को मजबूत करने के लिए किया गया है. व्हाइट हाउस ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि वह गोपनीय सूचनाओं के बाहर जाने के मामले पर बेहद गंभीर है. संसद में आलोचना हुई तो ओबामा प्रशासन ने बाल्टीमोर और वाशिंगटन में संघीय अभियोजकों को मामले की आपराधिक जांच करने का निर्देश दिया. यमन में एक गोपनीय आतंकविरोधी जांच और ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ अमेरिका और इजरायल के साइबर हमले की जानकारियां लीक हुई हैं, जिन पर बवाल मचा है.
ऐसी स्थिति में इस किताब पर भी सवाल उठ रहे हैं. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता टॉमी वीटर ने कहा है, "हमें इस किताब के बारे में प्रेस से जानकारी मिली है. हमने इसे नहीं देखा और न हमें मालूम है कि इसमें क्या है." अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन का भी कहना है कि न तो उसने इस किताब की जांच की है न ही इसके लेखकों ने इस बारे में कोई जानकारी दी है. पेंटागन में कम से कम दो नियम ऐसे हैं जिनके मुताबिक रक्षा मंत्रालय रिटायर हो चुके सैनिकों के लिखे दस्तावेजों की जांच करता है. इस जांच का मकसद संवेदनशील जानकारियों को सार्वजनिक होने से रोकना है.
सेना के एक बड़े अधिकारी ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर बताया, "यह किताब पेंटागन के अधिकारियों के लिए एक अचंभा है. जाहिर है कि हम मिलने पर इसे पढ़ना चाहेंगे." अमेरिकी खुफिया संगठन सीआईए के प्रवक्ता प्रेस्टन गोल्सन ने भी कहा है, "जहां तक पता कर सके हैं, किताब को छपने से पहले समीक्षा के लिए हमारे पास नहीं भेजा गया."
किताब छापने वाली कंपनी डटन मशहूर पेंग्विन ग्रुप की ही सदस्य है. डटन का कहना है, नेवी सील लेखक के अनुभव ऑपरेशन नेप्ट्यून स्पीयर के दौरान एबटाबाद, पाकिस्तान जाने के बाद चरम पर पहुंच गए. वहां उसने ओसामा बिन लादेन के परिसर में एक हमलावर दस्ते का नेतृत्व किया. तीसरी मंजिल पर जहां आतंकवादियों का नेता अपनी मौत के वक्त था वहां दरवाजे से सबसे पहले पहुंचने वालों में वह शामिल थे.
प्रकाशक डटन का कहना है कि किताब में नेवी सील के नाम सुरक्षा कारणों से बदल दिए गए हैं. इस किताब से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा समाज की भलाई और मारे गए नेवी सील के परिवार वालों की मदद पर खर्च किया जाएगा.
ओसामा को मारने की नेवी सील के ऑपरेशन पर एक फिल्म भी बन रही है जो इसी साल के आखिर में रिलीज होने वाली है. रिपब्लिकन सांसद फिल्म बनाने के लिए हॉलीवुड की टीम को नीति बनाने वालों और रक्षा अधिकारियों से मिलने की इजाजत देने की भी आलोचना कर रहे हैं.
एनआर/एमजे (रॉयटर्स)