अरब लीग ने सीरिया को निलंबित किया
१२ नवम्बर २०११अरब देशों के इस संगठन ने कहा है कि वह सीरिया की असद सरकार पर आर्थिक और राजनीतिक पाबंदियां लगाएगा. इसके साथ ही इसने अपने सदस्य देशों से कहा है कि वह दमिश्क से अपने राजदूतों को वापस बुला लें.
देर से हुआ फैसला
अरब लीग की तरफ से बयान जारी करते हुए कतर के प्रधानमंत्री शेख हम्माद बिन जस्सिम ने यह बताया. बिन जस्सिम ने कहा कि अरब लीग से सीरिया का निलंबन 16 नवंबर से प्रभाव में आएगा. काहिरा में पत्रकारों से बातचीत में कतर के प्रधानमंत्री ने कहा, "फैसला करने में ज्यादा समय लगने की वजह से हमारी आलोचना हो रही थी. लेकिन हमें सीरिया की चिंता है. हमें इस फैसले पर सहमति की मुहर लगाने के लिए बहुमत की जरूरत थी."
प्रधानमंत्री शेख हम्माद ने कहा, "हम सीरिया की सभी विपक्षी पार्टियों को अरब लीग के मुख्यालय में बैठक करने के लिए बुला रहे हैं ताकि सत्ता हस्तांतरण के लिए एक व्यापक सहमति तैयार की जा सके." अरब लीग के इस बयान में चेतावनी दी गई है कि अगर खून खराबा बंद न हुआ तो लीग के महासचिव नबील अल अरबी संयुक्त राष्ट्र और इस जैसे दूसरे संगठनों से संपर्क कर मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कहेंगे.
सीरिया के होम्स शहर में पिछले एक हफ्ते से चली आ रही भारी हिंसा ने लीग को यह कदम उठाने पर मजबूर किया है. हालांकि पहले अरब के मंत्रियों में इस बात पर विवाद था लेकिन वोटिंग के दौरान बहुमत से यह फैसला लिया गया.
असद मानते नहीं
असद की सरकार 2 नवंबर को अरब लीग के रोडमैपर पर रजामंद हो गई थी जिसमें कैदियों को रिहा करने, शहरों से सेना को वापस बुलाने, मीडिया और पर्यवेक्षकों की मुक्त आवाजाही और विपक्ष के साथ सुलह करने की बात थी. पर मानवाधिकार गुटों का कहना है कि इसके बजाय सरकार ने विरोधियों पर कार्रवाई तेज कर दी और होम्स तो इसका प्रमुख केंद्र बन गया. अरब लीग के साथ करार होने के बाद कम से कम 125 लोगों को मारा गया है. मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच की मध्य पूर्व निदेशक सारा ली व्हिटसन कहती हैं, "होम्स तो सीरियाई सरकार की क्रूरता का एक बहुत छोटा नमूना है." मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक होम्स में केवल शुक्रवार को ही 23 लोगों की जान गई.
सीरिया पर नाटो की कार्रवाई या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से किसी तरह की पाबंदी के लगाए जाने की उम्मीद कम ही है क्योंकि सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन और रूस असद सरकार के सहयोगी हैं और ऐसी कोशिश को वीटो कर देंगे.
उधर सीरियाई सरकार का कहना है कि यह लीग के साथ हुए समझौतों पर आगे बढ़ी है और उसने 500 लोगों की रिहाई के आदेश दिए हैं. अरब लीग में सीरिया के राजदूत का कहना है कि उनकी सरकार अरब के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करना चाहती है. असद की सरकार कुछ भी कहे, अमेरिका ने साफ कर दिया है कि इस सरकार के दिन अब बचे खुचे बाकी हैं और यहां तक कि अरब जगत के नेता भी चाहते हैं कि असद जल्दी से पद छोड़ दें.
रिपोर्टः एएफपी/एन रंजन
संपादनः वी कुमार