अवैध कारोबार ने ली एक हजार बाघों की जान
१० नवम्बर २०१०बाघों के खाल, हड्डिया, जबड़े, खोपड़ी इन सबके साथ ही जिंदा और मरे हुए बाघों का पूरा का पूरा शरीर भी तस्करों के पास से बरामद हुए हैं. ब्रिटेन की संस्था ट्रैफिक इंटरनेशनल से जुड़े पॉलिन वेरहेइज का कहना है," हर साल कम से कम 100 बाघों के अंग पकड़े जाते हैं इससे आप बस अंदाजा ही लगा सकते हैं कि कितने बाघों को हर साल मारा जा रहा है." बाघों पर रिपोर्ट तैयार करने वालों में पॉलिन भी शामिल हैं.
जिन 13 देशों में बाघ रहते हैं उनमें से 11 देशों से जनवरी 2000 से अप्रैल 2000 के बीच 1069 से लेकर 1220 बाघों के अंग पकड़े गए. बाघों का घर कहे जाने वाले भारत में सबसे ज्यादा अंगों की तस्करी पकड़ में आई. यहां पड़े 276 छापों में 533 बाघों के अंग मिले. बाघों के शिकार के मामले में दूसरे नंबर पर चीन हैं. यहां तस्करों पर 40 छापे पड़े जबकि नेपाल में 39.
रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई गई है कि इंडोनेशिया, थाइलैंड और वियतनाम में अंगों के मिलने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है. इसके अलावा भारत और चीन की सीमा से लगते म्यांमार में भी खूब शिकार हो रहा है साथ ही मलेशिया-थाइलैंड के सीमांत इलाके और चीन रूस की सीमा पर भी जानवरों के अवैध कारोबार में तेजी आई है.
अलग अलग देशों की संस्कृति में बाघ के अंग कहीं सजावट, पारंपरिक दवाओं और कहीं कहीं अच्छी किस्मत की निशानी मानी जाने वाली चीजों को बनाने में किए जाते हैं.
वन्य जीवों के लिए काम करने वाली संस्था डब्ल्यू डब्ल्यू एफ से जुड़े माइक बाल्टजर बताते हैं,"इस रिपोर्ट से पता चल जाता है कि सरकार और गैरसरकारी संगठनों की तमाम कोशिशों के बावजूद अवैध रूप से बाघों का शिकार जारी है." पिछले महीने ही डब्ल्यू डब्ल्यू एफ ने चेतावनी दी थी कि अगले 12 सालों में बाघ दुनिया से पूरी तरह खत्म हो जाएंगे. पूरी दुनिया में अब केवल 3200 बाघ जिंदा हैं. बाघों की संख्या में करीब 97 फीसदी की कमी आई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य