'असद का अंत करीब'
३० जुलाई २०१२सीरिया के सरकारी मीडिया के मुताबिक सेना के जमीनी हमले ने विद्रोहियों के पांव उखाड़ने शुरू कर दिये हैं. दावा किया है कि अलेपो के दक्षिण पश्चिमी कस्बे सलाहेद्दीन को सेना ने नियंत्रण में ले लिया है. विद्रोहियों के एक और मजबूत गढ़ सुखौर को भी सेना ने अपने कब्जे में करने का दावा किया है.
सीरिया के सबसे बड़े शहर अलेपो में बीते 10 दिन से लगातार सेना और विद्रोहियों के बीच जंग छिड़ी हुई है. 30 लाख लोगों की रिहाइश वाले शहर में सेना विद्रोहियों के खिलाफ टैंक और मारक हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रही है. विद्रोही सेना फ्री सीरियन आर्मी के मुताबिक सेना मिग युद्धक विमानों का भी इस्तेमाल कर रही है.
लेकिन विद्रोही सरकार के दावे का खंडन कर रहे हैं. उनके मुताबिक सरकार भारी बमबारी की खबरें सही हैं और विद्रोहियों की जमीन पर नियंत्रण करने के दावा गलत है. फ्री सीरियन आर्मी के कमांडर जनरल फेरजत अब्देल नासिर ने कहा, "अनादन चेकप्वाइंट को सुबह पांच बजे 10 घंटे की लड़ाई के बाद बाद हमने ले लिया."
अलेपो में रहने वाले मोहम्मद सईद चश्मदीद लड़ाई के चश्मदीद हैं. वह कहते हैं, "उनके टैंक हमदानिया के पास हैं और वहां लड़ाई चल रही है. सलाहेद्दीन के पास भारी बमबारी हो रही है."
अमेरिका ने हेलीकॉप्टर हमले की कड़ी निंदा की है. अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पैनेटा के मुताबिक भारी हथियारों और खास कर हेलीकॉप्टर से हमला कर सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद अपने की ताबूत पर एक और कील ठोंक रहे हैं. मध्य पूर्व का दौरा कर रहे पैनेटा सीरिया के मुद्दे पर कई देशों से बातचीत करेंगे. यात्रा की शुरुआत में पैनेटा कुछ देर के लिए ट्यूनीशिया में रुके. वहां अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा, "अगर वह अपने लोगों पर ही इस तरह के हमले करते रहे तो मुझे लगता है कि आखिरकार असद का ताबूत बंद हो जाएगा. उनकी तानाशाही अंत की ओर बढ़ रही है."
फ्रांस ने सीरिया के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आनन फानन बैठक बुलाने की मांग की है.
असद पर दबाव बढ़ाते हुए तुर्की ने सीरिया से सटी अपनी 900 किलोमीटर लंबी सीमा पर टैंक, अन्य हथियार और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तैनात कर दी हैं. तुर्की की सेना को सीमा पर डटे रहने का आदेश दिया गया है. 22 जून को सीरिया ने तुर्की के लड़ाकू विमान को मार गिराया. इसके बाद ही तुर्की लगातार सीमा पर सेना की संख्या बढ़ा रहा है. सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.
आशंका जताई जा रही है कि सीरिया में पिछले साल मार्च में शुरू हुए विद्रोह से अब तक दो लाख आम नागरिक मारे जा चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र की मानवीय मामलों के विभाग की वैलेरी एमोस को आशंका है कि दस फीसदी आबादी जान बचाने के लिए दूसरे देशों में भाग गई है.
ओएसजे/एजेए (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)