असम में 18 हिंदी भाषियों की हत्या
९ नवम्बर २०१०राज्य पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल भास्कर ज्योति महंता ने बताया कि बस, नाई की दुकान और प्रवासी मजदूरों के एक ठिकाने पर हुए इन हमलों में पांच लोग घायल भी हुए हैं. बीते कुछ हफ्तों के दौरान सुरक्षा बलों ने नेशनल डेमोक्रैटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के एक धड़े के दो दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ताओं को मार डाला था. सोमवार रात को हुई हत्याएं इसी के बदले के तौर पर की गई हैं.
नेशनल डेमोक्रैटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के कार्यकर्ताओं ने सोनितपुर जिले में एक बस को निशाना बनाया और आठ लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. असम के पुलिस प्रमुख शंकर बरुआ ने कहा, "मारे गए सभी लोग हिंदी भाषी राज्य बिहार के रहने वाले थे और सरकारी कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे थे."
एक अन्य घटना में सोनितपुर जिले के बेलसेरी गांव में उग्रवादियों ने एक महिला समेत पांच लोगों को गोली मार दी. तीसरा हमला नलबाड़ी जिले में रहने वाले हिंदी भाषी लोगों पर हुआ.
विद्रोही बिहार और यूपी से आए हिंदी भाषी मजदूरों को निशाना बनाते रहे हैं. उनका कहना है कि बाहर से आए ये मजदूर स्थानीय लोगों का रोजगार हड़पते हैं. असम में हिंदी भाषी लोगों पर पिछले कुछ सालों में कई बार हमले हो चुके हैं. साल 2000 में विद्रोहियों ने हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ अभियान चलाकर 150 लोगों की हत्या कर दी थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एमजी