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असम में फिर हिंसा, 45 की मौत

२६ जुलाई २०१२

असम में दंगे कुछ नए इलाकों में फैल गए हैं. गुरुवार को हुई जातीय हिंसा में एक और व्यक्ति की मौत हो गई. दंगों में अब तक 45 लोग मारे जा चुके हैं. बेघर हुए लोगों को अब घर लौटने में भी सिहरन हो रही है.

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तस्वीर: Reuters

निचले असम के धुबरी जिले में अल्पसंख्यक अप्रवासियों और स्थानीय बोडो समुदाय के लोगों के बीच फिर संघर्ष हुआ. पुलिस ने दंगाइयों को काबू में करने के लिए फायरिंग की, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. अब बास्का जिला भी दंगे की चपेट में आ गया है. वहां हुई हिंसा में चार लोग घायल हुए.

सबसे ज्यादा अशांत कोकराझार जिले में अब भी अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा हुआ है. 3,000 जवान गश्त लगा रहे हैं. उन्हें उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गये हैं. कोकराझार में अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है. चिरांग में भी रात में कर्फ्यू लगाया जा रहा है. चिरांग में जातीय हिंसा में 15 लोग मारे गए.

Indien Unruhen in Assam zwischen Bodo-Volksgruppe und muslimischen Siedlern
तस्वीर: Reuters

गुरुवार को असम के आईपीजी (लॉ एंड ऑर्डर) एलआर बिश्नोई ने कहा कि धुबरी में बीती रात दो समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं. चिरांग के मुसोलपुर में अज्ञात लोगों ने गुरुवार तड़के कुछ लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की.

असम में बीते शुक्रवार को स्थानीय बोडो समुदाय के लोगों और मुसलमानों के बीच दंगे भड़के. ऐसी रिपोर्टें हैं कि जमीन के झगड़े में एक व्यक्ति की डंडों से इतनी पिटाई की गई कि उसकी मौत हो गई. इसके बाद मुस्लिम समुदाय के दो छात्र नेताओं की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इन घटनाओं से दंगे भड़क उठे.

दंगों की वजह से अब तक दो लाख से ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. स्कूलों और सरकारी इमारतों में बनाए गये अस्थायी शिविरों में विस्थापितों को रखा गया है. शिविरों की सुरक्षा अर्धसैनिक बल कर रहे हैं. 11 लोग अब भी लापता हैं. अब विस्थापितों को वापस घर भेजना भी एक समस्या है. बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल के हगारामा मोहिलारी कहते हैं, "हम हालात की समीक्षा करेंगे और फिर तय करेंगे कि हम लोगों को कड़ी सुरक्षा के बीच राहत शिविरों से वापस घर भेज सकते हैं या नहीं."

Minister Tarun Gogoi
तस्वीर: AP

लेकिन कुछ परिवार अब वापस लौटने को तैयार नहीं हैं. उनकी आंखों में मौत और आगजनी का खौफ भरा हुआ है. रहीमुद्दीन अली फिलहाल राहत शिविर में हैं. हिंसा में उनकी मां की हत्या कर दी गई. मां को खोने के बाद जो परिवार बचा है वह अपनी जान को लेकर चिंतित है. अली कहते हैं, "हम तब तक अपने गांव वापस नहीं जाएंगे, जब तक हमारे गांव के आस पास पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जाती. हममें से कुछ के घर तोड़ दिये गए हैं, कुछ के घर जला दिये गए हैं, बताइये हम कहां जाएं."

वहीं राज्य के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का कहना है, "हालात धीरे धीरे सामान्य हो रहे हैं. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हिंसा फिर न भड़के."

गुरुवार को सरकार ने कहा कि दंगों में अब तक 41 लोग मारे जा चुके हैं. सरकारी बयान के थोड़ी ही देर बाद सड़क के किनारे चार और शव मिले. राज्य के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई गुरुवार शाम हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को असम का दौरा करेंगे.

ओएसजे/ एमजी (एपी, पीटीआई)

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